हमारे देश के शहीदों और रणबांकुरों की शहादत को मेरा नमन- मुख्यमंत्री देश के लिए महान सपूत पैदा करने वाली मां और परिवारों को भी वंदन देश की जनता से अपील, नेशनल वॉर मेमोरियल आए और शहीदों की शहादत से लें प्रेरणा चंडीगढ़, 23 मार्च – शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहीदी दिवस के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर पुष्प अर्पित कर माँ भारती की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज शहीदी दिवस के अवसर पर नेशनल वॉर मेमोरियल आने का मौका मिला, यह एक प्रेरणा देने वाला क्षण है। हमारे वीर सैनिकों ने अपनी शहादत देकर स्वतंत्रता दिलाई। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक इन वीर सैनिकों की कोई स्मृति नहीं होती थी, बल्कि उसमें अंग्रेजों के समय के कुछ स्मृतियां शामिल होती थी, लेकिन 4 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्ष 2019 में यह नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया गया। इस मेमोरियल में तीनों सेनाओं यानी थल सेना, जल सेना और वायु सेना के लगभग साढ़े 26 हज़ार सैनिकों की शहादत का वर्णन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन साढ़े 26 हज़ार सैनिकों में से लगभग 2500 से अधिक सैनिक हरियाणा से संबंध रखते हैं, यह एक और प्रेरणादायक बात है। निश्चित रूप से प्रदेश के युवाओं को 10 प्रतिशत की जो भागीदारी है सेनाओं में है, यह उसका प्रमाण है। श्री मनोहर लाल ने वीर शहीदों और रणबांकुरों को शहादत देने पर श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार तथा ऐसे वीर सैनिकों को जन्म देने वाली माताओं को भी वंदन किया । उन्होंने प्रदेश वे देशभर की जनता से अपील करते हुए कहा कि नागरिक इस वॉर मेमोरियल में आए और शहीदों की शहादत से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री श्री मूलचंद शर्मा, सांसदगण, विधायकगण, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, पुलिस महानिदेशक श्री पी के अग्रवाल समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। Post navigation भाजपा ने किया वीर सपूतों व बेटियों का सम्मान : बिप्लब देब 100 फीसदी से ज्यादा उत्पादकता, 95 फीसदी कागज बचाया,कई मामलों में विशिष्ट रहा हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र।