शानदार शून्यकाल : बोलने के चाहवान सभी विधायकों को मिला अवसर। बजट पर 55 बोले सदन में मर्यादा व कार्यवाही को प्रभावी बनाने के लिए अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने जताया आभार। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक चंडीगढ़, 23 मार्च : 95 फीसदी कागज बचाकर 100 फीसदी से अधिक कार्य उत्पादकता के साथ हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र अपने आप में विशिष्ट रहा। 20 फरवरी से शुरू होकर 22 मार्च को संपन्न हुए बजट सत्र की कार्य उत्पादकता 100.79 प्रतिशत रही। इस दौरान सदन ने 6 विधेयक पारित किए गए तथा 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा हुई। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने वीरवार को सेक्टर 3 स्थित एमएलए हॉस्टल में प्रेस वार्ता कर पत्रकारों के साथ बजट संबंधी आंकड़े साझा किए। सत्र के दौरान पेश हुए बजट का अध्ययन करने के लिए लंबा अवकाश किया गया। इस अवकाश अवधि में विधायकों को नई दिल्ली स्थित संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) से प्रशिक्षण भी करवाया गया। इस प्रकार का अनूठा प्रयोग करने वाला हरियाणा देश का इकलौता राज्य है। बजट सत्र कुल 39 घंटे 16 मिनट चला, जिसमें सभी 74 विधायकों ने किसी न किसी चर्चा में भागीदारी की। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बजट सत्र की शुरुआत 20 फरवरी को महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से हुई थी। 21 और 22 फरवरी को 6 घंटे 42 मिनट सदन में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर 43 विधायकों ने अपने विचार व्यक्त किए। 23 फरवरी को वित्त मंत्री के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2023-24 के लिए बजट प्रस्तुत किया। बजट दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन करने के लिए 8 तदर्थ समितियां गठित की गईं। इन समितियों ने 24 फरवरी से 16 मार्च तक रही सत्रावकाश अवधि में अनेक बैठकें कर समग्रता से बजट दस्तावेजों का अध्ययन किया। इन समितियों से शामिल सभी 74 विधायकों के प्रशिक्षण के लिए 6 मार्च को प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान नई दिल्ली स्थित संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के वरिष्ठ अधिकारियों ने विधायकों को प्रशिक्षित किया तथा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। इस प्रशिक्षण का फायदा भी साफ तौर से देखने को मिला। पहले बजट पर चर्चा के वक्त विधायक आंकड़े कम प्रस्तुत करते थे, लेकिन इस बार बजट सत्र में लगभग सभी सदस्यों ने बजट पर चर्चा के दौरान आंकड़े पेश किए। सदन में 17, 20 और 21 मार्च को 9 घंटे 33 मिनट तक बजट पर चर्चा हुई, जिसमें 55 विधायकों ने भागीदारी की। इनमें भाजपा के 25, जजपा के 5, कांग्रेस के 19 तथा 6 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। इन विधायकों ने औसतन 5.75 मिनट तक अपनी बात रखी। जट सत्र के दौरान 2 दिनों को छोड़ कर बाकी सभी दिनों में शून्यकाल रहा। शून्यकाल की कुछ अवधि 6 घंटे 26 मिनट रही, जिसमें 58 विधायकों ने भाग लिया। इनमें से 14 सदस्यों को दो बार बोलने का अवसर मिला। नेवा के माध्यम से दस्तावेज डिजीटली तौर पर पेश करने से 95 फीसदी पेपर की बचत हुई। नेवा परियोजना लागू होने से पहले विभिन्न दस्तावेजों की 7730 प्रतियां मुद्रित की जाती थीं, जो इस बार मात्र 412 की गईं। वहीं हरियाणा विधान सभा में सत्र की बैठकों का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। इस दौरान एक घंटे का भोजन अवकाश रहता है। यहां रोजाना 6 घंटे कार्यवाही के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो पूर्व की अवधि से करीब डेढ़ गुणा है। पहले 4 घंटे ही कार्यवाही के लिए तय थे। बजट सत्र के दौरान 12 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा की गयी। 7 विधेयकों में से 6 पारित किए गए। 52 विधायकों के 339 तारांकित प्रश्नों में से 177 स्वीकृत किए गए, जिनमें से 119 के जवाब संबंधित मंत्रियों ने प्रस्तुत किए। इसी प्रकार 21 सदस्यों के 121 अतारांकित सवाल कार्यवाही का हिस्सा बने। अमर्यादित शब्दावली पर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सभी सदस्यों को सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखनी चाहिए। अगर कोई मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो उस मामले में जब तक सदन के सभी सदस्य एकमत न हो तब तक सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। नियम 212 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी अदालत विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके साथ ही उन्होंने सभी मंत्रियों से अपील की उन्होंने अपने विभागों से संबंधित सभी प्रश्नों का जवाब पूरी तैयारी के साथ देना चाहिए। सदन में खाली सीटों के रहने पर गुप्ता ने कहा कि कोरम के अनुसार सदन में कम से कम 10 सदस्य जिनमें न्यूनतम 2 मंत्री होने पर कार्यवाही चलाई जा सकती है। Post navigation मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि चंडीगढ़ एंड हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन ने मनाया पत्रकारिता बचाओ दिवस, सेक्टर 17 में किया प्रदर्शन