एक विधेयक प्रस्तुत भी किया गया चंडीगढ़, 20 मार्च – हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र में आज दो विधेयक पारित किये गए। इनमें पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 व हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सदन में हरियाणा विद्यालय शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023 प्रस्तुत किया गया। सदन में इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 पंडित लखमी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक अधिनियम, 2014 को संशोधित करने के लिए पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक की स्थापना डिजाइन, ललित कला, फिल्म और टेलीविजन, नगरीय योजना और वास्तुकला के नये मोर्चों पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ-साथ उच्चतर शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को सुगम बनाने तथा प्रोत्साहित करने और इन क्षेत्रों और संबंधित क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए चार संस्थानों अर्थात राज्य ललित कला संस्थान, राज्य डिजाइन संस्थान, राज्य फिल्म और टेलीविजन संस्थान तथा राज्य नगरीय योजना और वास्तुकला संस्थान को मिलाकर सरकारी तकनीकी संस्था (संस्थाओं) सोसाइटी, रोहतक के एकीकृत परिसर को अपग्रेड करके हरियाणा राज्य विधानमंडल (2014 के अधिनियम 24) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। ये चारों संस्थान 240 छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता के साथ वर्ष 2011 में शुरू हुए थे तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक से संबद्ध थे। राज्य सरकार द्वारा शिक्षण और प्रशासनिक ब्लॉक, छात्रावास, गेस्ट हाउस, कर्मचारी आवास इत्यादि के निर्माण के लिए 35.97 एकड़ भूमि प्रदान की गई है और इन संस्थानों को 100 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान कर रही थी। यह विश्वविद्यालय प्रदर्शन और दृश्य कला तथा मास मीडिया के क्षेत्र में देश के अग्रणी विश्वविद्यालय के रूप में उभर रहा है।उसके बाद, सरकार द्वारा हरियाणवी भाषा के भारतीय कवि, जिसे राज्य सरकार द्वारा मरणोपरांत सूर्य कवि के रूप में सम्मानित किया गया, के नाम से विश्वविद्यालय का नाम राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) अधिनियम, 2018 (2019 का हरियाणा अधिनियम संख्या 10) के माध्यम से पंडित लखमी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक किया गया। पंडित लखमी चंद की दादा लखमी चंद के रूप में लोकप्रियता को देखते हुए, अब सरकार ने पुन: विश्वविद्यालय का नाम दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के रूप में करने का निर्णय लिया है। अत: विश्वविद्यालय का नाम संशोधित करके ‘‘पंडित लखमी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक’’ से ‘‘दादा लखमी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक’’ किया जाएगा। हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। अन्तरणीय विकास अधिकार (टी.डी.आर.) प्रबंधन प्रणाली के ऑनलाइन संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए, 1975 के अधिनियम में कुछ आवश्यक संशोधन किए जाने जरूरी थे। इसलिए विक्रय, व्यापार, नीलामी तंत्र के माध्यम से टीडीआर प्रमाण-पत्र का हस्तांतरण व विक्रय को संभव बनाने तथा क्रेता की भौगोलिक स्थिति पर अनजाने में लगाए गए प्रतिबंध को सुधारने के लिए धारा 2 के खण्ड (एन-2) में संशोधन किया है। इसके अनुसार किसी स्वामी, जो किसी मुआवजे का दावा किए बिना सरकार में निहित करने के लिए ऐसी जमीन सौंप देता है, को दिए गए विकास अधिकारों का प्रमाण-पत्र तथा ऐसे विकास अधिकार स्वामी द्वारा बेचे या व्यापार या नीलाम किए जा सकते हैं। इसके अलावा, विभाग के ऑनलाइन कार्यों के वितरण को सक्षम करने के लिए अधिनियम की धारा 8 ए की मौजूदा उप-धारा (1) को प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव है ताकि निदेशक द्वारा पेशेवरों या एजेंसी की नियुक्ति की जा सके। टीडीआर आवेदन के ऑनलाइन प्रक्रिया, इसके ऑनलाइन जारी करने, डीमैट रूप में होल्डिंग, इसकी ऑनलाइन बिक्री, व्यापार, नीलामी और इसके उपयोग (आंशिक या पूर्ण रूप से) को सक्षम करने और अन्य सभी संबंधित कार्यों को ऑनलाइन मोड में करने के लिए यह प्रावधान भी शामिल करने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार निदेशक इलेक्ट्रॉनिक रूप और इंटरनेट के माध्यम से इस अधिनियम के तहत सभी कार्यों को कर सकता है या अपने निमित इस तरह के कार्यों को करने के लिए किसी व्यक्ति या एजेंसी को नियोजित कर सकता है। मूल अधिनियम की धारा 8-ए की उप-धारा (2) के खंड (सी) के बाद निम्नलिखित खंड को रखा जाएगा। अधिनियम की धारा 8 ए की उप-धारा (3) में उपयोगकर्ताओं से सेवाओं के उपयोग की फीस वसूली का प्रावधान किया है। इस राशि को निदेशक द्वारा निर्मित, प्रबंधित और संचालित सूचना प्रौद्योगिकी कोष में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाओं के लिए बनाए रखा जाएगा। Post navigation स्पीकर मेरे प्रति द्वेष रखते हैं और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दूसरी बार नेम किया है : अभय सिंह चौटाला चौकी प्रभारी व पटवारियों समेत 5.10 लाख रुपये की रिश्वत लेते चार गिरफ्तार