चण्डीगढ़, 16 मार्च – हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रिश्वतखोरी के अलग-अलग मामलों में सहकारिता विभाग के सब-इंस्पेक्टर तथा हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत सरंचना विकास निगम के दो अधिकारियों समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफतारी जींद, फरीदाबाद व पलवल से हुई है। एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि पहले मामले में एसीबी ने को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी में प्लॉट ट्रांसफर करने की एवज में 50,000 रुपये की रिश्वत लेते सहकारिता विभाग, जींद के सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। नारनौंद निवासी ओमप्रकाश ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी शिकायत में बताया कि उसने को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी में प्लाट ट्रांसफर करवाने के लिए सब इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार से सम्पर्क किया। करीब 2 माह तक प्रदीप कुमार उसके चक्कर कटवाता रहा। आखिर आरोपी सब-इंस्पेक्टर ने 50,000 रुपये की डिमांड की। इसलिए उसने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए तथ्यों की जांच के बाद रेडिंग पार्टी का गठन किया गया। टीम ने छापेमारी करते हुए आरोपी सब-इंस्पेक्टर को शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि 50,000 रुपये लेते हुए पकड़ लिया। कंप्लीशन प्रमाणपत्र जारी करने के नाम पर मांगे 1.50 लाख एक अन्य मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने औद्योगिक प्लाट का कंप्लीशन प्रमाणपत्र देने के नाम पर 50,000 रुपये रिश्वत के मामले में एचएसआईआईडीसी, फरीदाबाद के इस्टेट मैनेजर विकास चौधरी और सीनियर मैनेजर मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। ब्यूरो ने मनोज कुमार को रंगे हाथ काबू किया है जो इस्टेट मैनेजर विकास चैधरी के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। एचएसआईआईडीसी के उक्त अधिकारी शिकायतकर्ता पूर्णलाल शर्मा से प्लाट का कंप्लीशन प्रमाणपत्र देने के नाम पर 1.50़ लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता अधिकारियों को 75,000 रुपये पहले दे चुका था। बाकी बचे रुपये के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर मनोज कुमार को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। जमीन के मामले को निपटाने के लिए की थी रिश्वत की मांग वहीं भ्रष्टाचारियों पर एक अन्य प्रहार के तहत, एसीबी की टीम ने गत वर्ष अक्टूबर में दर्ज रिश्वतखोरी के एक मामले में पलवल के तत्कालीन जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) सुशील शर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपी सुशील शर्मा द्वारा भूमि विवाद का फैसला शिकायतकर्ता के पक्ष में करने की एवज में शिकायतकर्ता से एक लाख रुपये की रिश्वत के मामले में कार्रवाई करते हुए यह गिरफ्तारी की गई है। Post navigation मुख्यमंत्री ने छोटे व्यापारियों के लिए की घोषणा पीएलपीए एक्ट से छेडछाड़ का मतलब अरावली क्षेत्र का विनाश होना है : विद्रोही