संसद में दीपेन्द्र हुड्डा ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाली पर पूछा सवाल तो सरकार ने दिया गोलमोल जवाब

• सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि उसकी नीयत पुरानी पेंशन योजना लागू करने की है ही नहीं – दीपेन्द्र हुड्डा
• हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनते ही प्रदेश के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा
• CAPF व अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का 11 जनवरी, 2023 का आदेश तुरंत हो लागू – दीपेन्द्र हुड्डा

16 मार्च, चंडीगढ़। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली पर सीधा सवाल किया तो सरकार ने उसका सीधा जवाब न देकर गोलमोल जवाब दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा दिए गए जवाब से स्पष्ट है कि सरकार की नीयत पुरानी पेंशन योजना लागू करने की है ही नहीं। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा समेत देश भर में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर आन्दोलनरत हैं लेकिन सरकार उनकी मांग को अनसुना कर रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने ये भी कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनते ही प्रदेश के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा लगातार राज्य सभा में CAPF व अर्धसैनिक बलों, केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने की मांग को उठाने के लिए नोटिस दे रहे हैं। उन्होंने मांग करी कि CAPF व अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का 11 जनवरी, 2023 का आदेश तुरंत लागू किया जाए। इस संबंध में 6 मार्च, 2023 को हाईकोर्ट ने एक बार पुनः सरकार को 11 जनवरी का आदेश लागू करने के लिए 12 हफ्तों का समय दिया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने जवाब ये स्वीकार किया है कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की 22 दिसम्बर, 2003 की अधिसूचना के द्वारा 1 जनवरी, 2004 से होने वाली सभी नयी भर्तियों के लिये (सशस्त्र बलों को छोड़कर) NPS लागू की गयी थी और पूरा देश जानता है कि उस समय भाजपा की सरकार थी। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा और सेवा करने वाले हर CAPF कर्मी एवं केंद्र व राज्य सरकार के तहत देश सेवा करने वाले कर्मचारियों के हित से समझौता नहीं किया जा सकता। अर्धसैनिक बलों के जवान देश और देशवासियों की रक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। देश में जब कहीं संकट उत्पन्न होता है ये जवान अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं और कर्त्तव्यपालन करते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने में भी कभी पीछे नहीं हटे। कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक सरहदों की रक्षा हो, कई राज्यों में नक्सली ताक़तों को परास्त करने, बंदरगाहों या एयरपोर्ट्स की सुरक्षा हो, हर जगह हमारे अर्धसैनिक बलों ने शौर्य और देश सेवा में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। देश की सुरक्षा से जुड़े सैनिकों में भेद नहीं किया जा सकता। देश के लिये अपना सबकुछ न्यौछावर करने वाले सैनिकों का मान-सम्मान व उनका हित सर्वोपरि है।

दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन योजना (OPS ) लागू करने की इस पुरानी माँग के संबंध में हाल ही में 11 जनवरी, 2023 को माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना है और केन्द्र सरकार को दिशा-निर्देश दिया कि इन बलों में चाहे कोई आज भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन योजना (OPS ) के दायरे में आने चाहिए। यही नहीं, देश भर के केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लेकर भारी रोष है। नयी पेंशन स्कीम NPS में जरुरत पड़ने पर कोई भी कर्मचारी अपना पैसा निकाल नहीं सकता, जिसके कारण कठिन परिस्थितियों में उन्हें अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

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