-कमलेश भारतीय

हंगामा है क्यों बरपा ,,,,थोड़ी सी माफी ही तो मांगी है ! देखा जाये तो इसी हंगामे की भेट संसद के तीन दिन चढ़ गये हैं ! हंगामा ही संसद का स्थायी फीचर हो गया है । सत्ता पक्ष राहुल गांधी की विदेश यात्रा के दौरान देश की छवि खराब किये जाने पर माफी मांगने पर अड़ा है तो विपक्ष अडाणी पर बहस की बात पर एकजुट होकर ईडी के दुरूपयोग को देखते ईडी दफ्तर की ओर कूच कर रहा है । दोनों दृश्य हमारे पावन लोकतंत्र के हैं जो दिल्ली में देखे गये । राहुल गाधी के बयान से लोकतंत्र को खतरा हो गया । साध्वी के बयान से प्रधानमंत्री आहत तो होते हैं लेकिन लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं होता । पाकिस्तान चले जाओ के बयान भी अनेक बार सुने गये यह भी कोई खतरे वाली बात नहीं । मस्जिद की नमाज से सिरदर्द हो जाने का बयान भी सहनीय है । कोई चिंता की बात नहीं । हरियाणा में राजस्थान के दो युवा गौरक्षा के नाम पर जिंदा जला दिये गये । कोई बड़ी घटना नहीं ! खेल मंत्रालय की बृजभूषण सिंह पर लगे यौन वोषण के आरोपों में कोई दम नहीं दिखता । महिला कोच के हरियाणा के खेलमंत्री पर लगाये आरोपों की कोई फिक्र नहीं । स्मृति ईरानी तो जैसे राहुल गांधी के खिलाफ बयान के लिये ही मंत्रिमंडल में जगह बनाये हुई हैं । महिला कोच या विनैश फौगाट पर भी कुछ कहिये तो जानें ! गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों पर कुछ कहें तो मानें ! एक राहुल गांधी के माफीनामे से देश की समस्यायें दूर हो जायेंगी क्या ? देश की अस्मिता पर चोट है राहुल के बयान तो आप भी देश की अस्मिता की रक्षा के लिये आगे आइये न !

ईडी और, सीबीआई को मुक्त कीजिए न ! सरकारें गिराने को राष्टीय खेल न बनाइये न ! ये भी तो हमारे लोकतंत्र की गरिमा है जो धीरै धीरे मरणासन्न की ओर बढ़ती जा रही है । देखिये संसद कब काम करेगी ?
पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । 9416047075

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