किसान बोले- पहले राम ने मारे, अब भाव मार डालेगा

सरसो खरीद के पहले ही दिन ई-पोर्टल बना परेशानी

भारत सारथी

भिवानी। सरसो खरीद के पहले ही दिन ई-पोर्टल परेशानी बना। दोपहर साढे़ 12 बजे तक पोर्टल चला ही नहीं और जब चला तो किसानों के आधार कार्ड मिस मैच बता दिए। जिस कारण सरकारी खरीद के लिए एक भी गेट पास नहीं कटा। किसान परेशान रहे। हालांकि प्राइवेट खरीद भी शुरू हो गई है। सरकारी रेट भले ही न्यूनतम 5420 प्रति क्विंटल हो मगर प्राइवेट में सरसो 4000 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक ही बिकी। यानी किसानों पर प्रति क्विंटल 1000 से 1400 रुपए प्रति क्विंटल तक की मार।

खरीद प्रक्रिया में ई-पोर्टल बनी परेशानी

वहीं अधिकारियों का कहना है कि एक-दो दिन में पोर्टल शुरू हो जाएगा, जिसके बाद सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी। प्रदेशभर में बुधवार से सरसों की सरकारी खरीद शुरू हुई। जिला में छह जगह सरकारी खरीद होनी है। जिला में 52202 किसानों ने ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। खरीद प्रक्रिया के पहले ही दिन ई-पोर्टल परेशानी बना। दोपहर करीब साढे़ 12 बजे तक तो पोर्टल चला ही नहीं। जब चला तो नई समस्या आधार कार्ड मिस मैच की आ गई।

खड़ी हुई आधार कार्ड मिस मैच की समस्या

अधिकारियों का कहना है कि आधार कार्ड और फोन नंबर का मैच होना बहुत जरूरी है। हैफेड को सरसो की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। जो न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसल को खरीद रही है। सरसो बिक्री के लिए कुछ किसान सुबह ही पहुंचने शुरू हो गए थे। मगर गेट पास कटवाने पहुंचे तो जवाब मिला कि पोर्टल में तकनीकी समस्या है, नहीं चल रहा। दोपहर साढ़े 12 बजे तक यह सिलसिला चला। बाद में पोर्टल चला तो आधार कार्ड मिस मैच की समस्या आ गई। जिस कारण किसान परेशान रहे।

सरसों नहीं बेची तो ब्याज मार डालेगा

औने-पौने दामों में सरसों नहीं बेची तो लालों का ब्याज मार डालेगा। अनाज मंडी में अपनी सरसों की फसल लेकर आए किसान सज्जन कुमार ने बताया कि सरसों की खराब माटी हो री है। उसकी सरसों 4200 रुपए प्रति क्विंटल बिकी है, कोई पूछने वाला नहीं। किसान का कहना है कि पहले राम न (पाले की मार) मारे, अब भाव न और जो भाव मिल रहा है, उसमें सरसों नहीं बेची तो फिर लालों (आढ़तियों) का ब्याज मार डालेगा। किसान सज्जन, बालकिशन, नरेश व अन्य किसानों ने बताया कि सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। अब उन्हें अपनी फसल चार हजार से लेकर साढे़ चार हजार रुपये प्रति क्विंटल में बेचनी पड़ रही है।

घाटे की भरपाई के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं

किसानों ने कहा कि अबकी बार फसल में बड़े स्तर पर खराबा हुआ था तथा सरकार बार-बार यह कह रही है कि फसलों के घाटे की भरपाई की जाएगी, जबकि घाटे की भरपाई के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है। 70 प्रतिशत सरसो नियमों पर खरी नहीं उतरती। आढ़तियों ने बताया कि सरकार के नियम पेचिदा है। 70 प्रतिशत तक सरसो खरीद के नियमों पर खरी नीं उतरती। आढ़ती चिराग ने बताया कि हमें कोई समस्या नहीं, समस्या सरकार को है। जिसने नमी व तेल की धार के नियम बनाए हैं। उन्होंने कहा कि जो नियम तय किए है, वो 70 प्रतिशत सरसों में भी पूरे नहीं होंगे।

हमारी तैयारिया पूरी, दो लाख क्विंटल सरसो आने की उम्मीद

मंडी के असिस्टेंट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार ने बताया कि फसल लेकर आने वाले किसानों के लिए कवर, शेड, फसल की बोरियां रखने के लिए प्लेटफार्म व पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। अबकी बार भिवानी अनाज मंडी में सरसो की दो लाख क्विंटल के लगभग सरसो आने की उम्मीद है। इसी प्रकार अप्रैल में शुरू होने वाले गेहूं की आवक करीब 11 लाख क्विंटल तक रहने की संभावना है।

अच्छे से सूखा कर लाए फसल

मार्केट कमेटी के सहायक सचिव प्रदीप कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि सरसों की सरकारी खरीद कल मंगलवार से ही शुरू होनी थी, पर ई खरीद पोर्टल तकनीकी कारणों से शुरू नहीं हो पाया। जिससे सरकारी खरीद भी शुरू नहीं हुई। ई खरीद पोर्टल एक-दो दिन में शुरू होते ही खरीद भी शुरू हो जाएगी। किसान अपनी सरसों की फसल अच्छे से सूखा कर लाए।

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