अमृत सरोवर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी की जाए सुनिश्चित, यूज़र ग्रुप्स का भी किया जाए गठन

चंडीगढ़, 13 मार्च- हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने अधिकारियों को 30 जून की निर्धारित समय सीमा के भीतर अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा करें और मुख्य सचिव कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।       

 मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं अमृत सरोवर योजना की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं और 30 जून तक 2,679 अमृत सरोवरों को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की है। इस संबंध में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इन तालाबों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मनरेगा, सीएसआर और हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के तहत विकसित किया जा रहा है।        

उन्होंने बताया कि 16.36 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 998 तालाबों के कार्य को पूरा किया गया है, जिनमें से 680 मनरेगा के तहत, 297 पंचायती राज संस्थाओं द्वारा और 21 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत विकसित किए गए हैं।

अमृत सरोवर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी की जाए सुनिश्चित, यूज़र ग्रुप्स का भी किया जाए गठन

श्री कैशल ने कहा कि अमृत सरोवरों के विकास एवं जीर्णोद्धार परियोजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए। इस कदम को आगे बढ़ाते हुए सामूहिक रूप से तालाब के पानी के उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए उपयोगकर्ता समूहों (यूज़र ग्रुप्स) का भी गठन किया जाए।  उन्होंने कहा कि यूज़र ग्रुप्स के सदस्यों को सामूहिक रूप से जल संरक्षण परियोजनाओं के बारे में प्रशिक्षित किया जाए।

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल मलिक, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल और हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण तथा सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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