– ग्रामीणों ने फिर किया मुख्यमंत्री से आग्रह सोमवार को चंडीगढ जाते-जाते तलवंडी राणा रुककर हमारे हालातों पर भी नजर डालें मुख्यमंत्री
– तलवंडी राणा बाई पास पर ग्रामीणों के धरने को हुए 34 दिन –

हिसार 12 मार्च : तलवंडी राणा बाई पास पर रोड बचाओ संघर्ष समिति द्वारा दिया जा रहा धरना 34वें दिन भी जारी रही। इससे पूर्व पिछली साल भी ग्रामीणों का धरना 34 दिन चला था जिसके बाद सरकार ने ग्रामीणों के रोड बनाकर दिया था। ग्रामीणों ने मांग उठाई कि अब भी सरकार ग्रामीणों को स्थायी रोड देने के साथ-साथ पुराना रास्ता खोलकर दे। रविवार को धरने पर पूर्व मंत्री एवं तोशाम विधायक किरण चौधरी समर्थन देने पहुंची। किरण चौधरी ने कहा कि ग्रामीणों के साथ सरासर अन्याय हो रहा है। सरकार सत्ता के मद में चूर होकर ग्रामीणों के साथ ज्यादती कर रही है। पुराना रोड बंद करने से पहले ही सरकार को ग्रामीणों द्वारा मांगा जा रहा स्थायी सडक़ मार्ग बनाकर देना चाहिए था। इस रोड पर पडऩे वाले दर्जनों गांवों के ग्रामीण बेहाल हैं और उनकी जिंदगी पटरी से उतर चुकी है। पांच कि.मी. की दूरी की जगह उन्हें 28 कि.मी. की दूरी तय करनी पड़ रही है और कोई यातायात व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है। सरकार का पहला दायित्व जनता के हितों की रखवाली करना होता है लेकिन तलवंडी राणा रोड के मामले में सरकार ने ग्रामीणों के हितों को ताक पर रखकर सडक़ उखाडक़र उसे बंद करके तानाशाही का प्रमाण दिया है। उन्होंने ग्रामीणों की स्थायी सडक़ मार्ग की मांग को जायज बताते हुए इस मुद्दे को जोर-शोर से विधानसभा में उठाने की बात कही।

धरने की अध्यक्षता कर रहे समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने कहा कि रविवार को ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से हमारे गांवों के हालात देखने का आग्रह किया था लेकिन वे नहीं आए। अब हमारा उनसे निवेदन है कि वे चंडीगढ़ जाते समय हमारे सभी गांवों के हालात जरूर देखते जाएं कि सरकार के एकदम से रोड बंद कर देने के फैसले ग्रामीणों के जीवन पर कितना प्रतिकूल असर पड़ा है और उनके सामने परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो गया है। बच्चे स्कूल-कॉलेज जाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वहीं आम गरीब, मजदूर, कर्मचारी तथा रोजमर्रा के लिए शहर जाने वाले ग्रामीणों के लिए भी रोड बंद हो जाने से समय व पैसे की बर्बादी सहित अनेक मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। इस रोड पर पडऩे वाले गांवों के बाजार, दुकानें व कारोबार ठप हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक बार आकर ग्रामीणों की तकलीफों को देखेंगे तो वे खुद ही ग्रामीणों को स्थायी तथा वैकल्पिक सडक़ मार्ग देने के लिए तुरंत तैयार हो जाएंगे।

कोहली ने बताया कि रविवार को धरने को 34 दिन हो गए हैं। पहले भी जब हवाई पट्टी के चलते बरवाला रोड को बंद किया जा रहा था तब ग्रामीणों ने 34 दिन लंबा धरना दिया था। अब इस धरने को भी 34 दिन हो चुके हैं। इसलिए सरकार ग्रामीणों के धैर्य की परीक्षा लेने की बजाय उन्हें तुरंत स्थायी सडक़ मार्ग बनाकर दे। जब तक हमें स्थायी सडक़ मार्ग नहीं मिल जाता हम धरने से नहीं हिलेंगे। धरने पर दलबीर किरमारा, राधा कृष्ण खटाना (गुर्जर महासभा प्रधान), कुलबीर सोहैल, स्नेहलता निम्बल, सरपंच दयाल सिंह, सज्जन बडगुुुर्जर, सुरेंद्र दलाल, लक्ष्मीनारायण खटाणा, हलका बरवाला युवा कांग्रेस अध्यक्ष मनोज कोहली, सुरेश सोनी अध्यक्ष सर्व समाज, कामरेड नरसिंह, कामरेड तुलसीराम, कामरेड लीलाराम, कामरेड छबीदास मोलिया, रामरती रोहलन, केला देवी, नीलम रहेजा, कृष्णा देवी, ईश्वर ग्रेवाल, राजू नैन, संदीप जुगलान, राजेश धिकताना सहित विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, व खाप के प्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में ग्रामीण, पुरुष, महिलाएं, बच्चे, युवा व बुजुर्ग मौजूद रहे।

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