-कमलेश भारतीय यह एक अच्छी शुरूआत कही जा सकती है । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जिला परिषदों के चेयरमैन , चेयपरसन ,सीईओ व अन्य प्रतिनिधियों से हुई पहली बैठक के दौरान जिला परिषद महिला चेयरपर्सन के साथ पहुंचे उनके पतियों या निकट संबंधियों को बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया । इसकी जितनी सराहना की जाये कम है । सीएम ने पूछा भी कि क्या इन लोगों को बैठक में बैठने दिया जाये ? बाहर भेजने में कोई आपत्ति तो नहीं ? बस । हरी झंडी मिलते ही इन्हें बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया गया । सीएम ने कहा कि बैठक में चुने हुए प्रतिनिधि ही होंगे ! बाकी बाहर चले जायें ! प्रतिनिधियों के बाहर जाने के बाद ही बैठक शुरू हुई । हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह के साथ एक ग्रामीण सभा में कवरेज के अवसर पर ऐसा ही हाल देखा था जब उनके साथ नवनिर्वाचित महिला सरपंचों के पति प्रतिनिधि के रूप में मौजूद थे । तब उन्होंने भी इसका नोटिस लेते कहा था कि बड़ी मुश्किल से महिलाओं को पंचायती राज मे प्रतिनिधित्व दिया गया है और वे सुशिक्षित है , फिर उन्हें अपना काम करने दीजिए ! महिला देश संभाल सकती है तो पंचायत क्यों नहीं ? बृजेंद्र सिंह ने यह भी बताया था कि उनकी बेटी कुदरत विदेश में यही रिसर्च करने गयी है कि महिलाओं को कितना काम करने दिया जा रहा है या कुछ नहीं करते दिया जा रहा ।।महिलाओं के नाम पर पुरुष ही सत्ता को अपने हाथ में रख रहते हैं । यह हमारा दुर्भाग्य है । इसे सीएम ने नोटिस किया । यह अच्छी पहल की है । अब जिलाधिकारियों को भी यही कदम उठाना चाहिए । जैसे ही पुरुष प्रतिनिधि आये , उन्हें तुरंत बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए । यह एक अच्छी शुरूआत हुई है । इसको आगे बढ़ाना चाहिए । इससे महिलाओं में आत्मविश्वास आयेगा और वे स्वतंत्र रूप से अपना कामकाज देख सकेंगी । बस यही गुनगुनाने को मन कर रहा है : कोई ताजा हवा चली है अभीदिल में इक लहर सी उठी है अभी !पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी Post navigation सरकार का काम स्कूल खोलना है, बंद करना नहीं: निदेशक नरेश सेलपाड़ मिस नवी मुम्बई