बजट में प्रदेश सुरक्षा को लेकर कोई योजना नहीं : डॉ. सुशील गुप्ता पिछले बजट के वादे पूरे नहीं, नये का जाल बुन, जनता को मूर्ख बना रही है हरियाणा सरकार : डॉ. सुशील गुप्ता नई दिल्ली, 24 फरवरी। हरियाणा में आम आदमी पार्टी के प्रभारी व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता आज राजधानी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए 2023-24 के बजट को कोरी बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट केवल और केवल लोगों को छलावा देने वाला है। सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने जनविरोधी बजट पेश किया है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी जैसे मूलभूत विषयों व पुरानी पेंशन योजना, युवाओं को रोजगार, महिला सुरक्षा से संबंधित और हरियाणा राज्य किसान प्रधान होते हुए भी किसानों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की है। बल्कि यह बजट पैसा लो और ब्याज दो वाला है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन हुआ है। सरकार ने शिक्षा पर 20,340 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है जो कि जीडीपी का महज 2 प्रतिशत है। जबकि नई शिक्षा नीति 6 प्रतिशत खर्च करने की सिफारिश करती है। यहीं नहीं एक तरफ से सरकार करीबन 13 से अधिक प्राइवेट स्कूल बंद कर रही है। वहीं उनके अपने सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छुपी नहीं है। जहां तक स्वास्थ की बात है तो सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर 9,647 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है जोकि बजट का सिर्फ 5.2 प्रतिशत है। यहीं नहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में साल 2020 तक ही स्वास्थ्य सेवाओं पर 8 प्रतिशत खर्च की सिफारिश की गई थी। इसी तरह से किसानों के लिए भी खोखला साबित हुआ है बजट। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की बात की जाए तो सरकार ने इस पर 7,342 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। यह कुल बजट का सिर्फ 3.9 प्रतिशत है जबकि हरियाणा की 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। इतनी बड़ी आबादी के लिए 4 प्रतिशत से भी कम खर्च करना किसानों के साथ अन्याय है। इतना ही नहीं यह बजट किसानों की आय डबल करने के वादे पर भी पूरी तरह खामोश है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह रवैया उसकी किसान और कृषि विरोधी नीति को दर्शाता है। यहीं नहीं प्रदेश सरकार का कर्ज बढा है। सरकार ने 2,85,885 करोड़ तक कुल आंतरिक कर्ज का लक्ष्य रखा है। इस बार सरकार 64,840 करोड़ रुपए का लोन लेने जा रही है। बढ़ते कर्ज की वजह से उसके मूल और ब्याज को देने में ही सरकार को 56,769 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे। ब्याज व मूल का भुगतान करने के बाद सरकार के पास पूंजीगत व्यय के लिए सिर्फ 8071 करोड़ रुपए ही बचते हैं, यानी सरकार कर्ज लेकर कर्ज उतारने का खेल खेलने में लगी है। उन्होंने सरकार से वाला कि किया कि आम जनता की सुरक्षा का बजट कहां गया। डॉ. गुप्ता ने कहा सरकार के अपने पिछले बजट में किए गए लोक लुभावने वादों का क्या रहा। क्या वह पूरे हो गए क्या, नौकरियां मिल गई क्या। किसानों की आय दुगनी हो गई क्या। महिलाओं, व्यपारियों तथा आम जनता की सुरक्षा को लेकर क्या किया। प्रदेश की कानून व्यवस्था सबसे निचले स्तर है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि पुरानी पेंशन और खिलाडियों की योजनाओं का क्या हुआ। मुख्यमंत्री ने बजट में प्रदेशवासियों से कई बड़े- बड़े वादे किए हैं, लेकिन अपने पुराने बजट के वादों को मुख्यमंत्री भूल गए। बजट 2022 में भी सरकार ने नौकरी से लेकर पेंशन और खिलाड़ियों तक के लिए घोषणाएं की थी, लेकिन समय के साथ सभी घोषणाएं ठंडे बस्ते में समा गई। पिछली बार 51 सौ रुपया पेंशन की बात की थी, लेकिन, 250 रुपए बढ़ा कर जनता के साथ मजाक किया। मुख्यमंत्री ने बजट 2022 में 11000 नई खेल नर्सरियां बनाने की बात कही थी, लेकिन जमीनी स्तर पर कहीं भी खेल नर्सरियां नहीं बनी। इस बजट में मुख्यमंत्री ने 65000 ग्रुप सी और डी की भर्तियों का ऐलान किया है, लेकिन पिछले बजट में जो 50 हजार नौकरियों का ऐलान किया गया था वो कहां गई। भर्ती प्रक्रिया को मजबूत करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, प्रदेश में 30-30 बार पेपर लीक हो चुके हैं। डॉ. गुप्ता ने कहा मुख्यमंत्री बजट की वाहवाही बटोरने में लगे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश में महिला, व्यापारी और जनता कोई भी खुश नहीं है। सुरक्षा को लेकर आज भी प्रदेश की आम जनता तरस रही है। Post navigation सरकार किलोमीटर स्कीम की बसों की बजाय सरकारी बस खरीदें: पूनिया लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना जरूरी – मुख्यमंत्री