·         हरियाणा सरकार पिछड़ा वर्ग के अधिकारों में कटौती करके उनसे किस बात का बदला निकाल रही है – दीपेन्द्र हुड्डा

·        हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा

·        दीपेन्द्र हुड्डा ने पिछड़ा वर्ग के लिए सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को बाहर करने की मांग की

·         DoPT हर 3 साल में आय सीमा में बदलाव करता है लेकिन पिछले 6 साल से इसकी कोई समीक्षा नहीं हुई – दीपेन्द्र हुड्डा  

चंडीगढ़, 11 फरवरी। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज राज्य सभा के शून्य काल में हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को केंद्र द्वारा निर्धारित आय सीमा के बराबर कम से कम 8 लाख करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर की आय सीमा को 8 लाख रुपये से घटाकर 6 लाख रुपये कर दिया है। जिसमें वेतन और कृषि आय समेत सभी स्रोतों से प्राप्त आय को सकल वार्षिक आय की गणना में जोड़ा जा रहा है। यह विसंगति केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन है। उन्होंने हरियाणा में क्रीमी लेयर के लिए सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को बाहर करने की मांग की और कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे।

दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि हरियाणा सरकार पिछड़ा वर्ग के अधिकारों में कटौती करके उनसे किस बात का बदला निकाल रही है। उन्होंने सरकार से मांग करी कि केंद्र द्वारा क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा एवं आय सीमा को हरियाणा में भी लागू किया जाए ताकि एकरूपता बनी रहे और पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार मिल सके। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 14 अक्टूबर, 2004 को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार क्रीमी लेयर को तय करते समय वेतन और कृषि से हुई आय को नहीं जोड़ा जाता। क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा वही है जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 8 सितंबर 1993 के नोटिफिकेशन और 14 अक्टूबर 2004 के स्पष्टीकरण में जारी किया था।

इसके अलावा उन्होंने आय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अधीन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) हर तीन साल में आय सीमा को लेकर बदलाव करता है। जैसे 8 सितंबर 1993 को यह 1 लाख रुपए सालाना थी जिसे बढ़ाते हुए सितंबर 2017 में 8 लाख किया गया था। लेकिन अब 6 वर्ष बीत गए आय सीमा की समीक्षा नहीं हुई। इतना ही नहीं, हरियाणा में आय सीमा बढ़ाना तो दूर, इसके विपरीत केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख की आय सीमा को घटाकर 6 लाख रुपये कर दिया है जिससे पिछड़ा वर्ग में भारी नाराजगी है।

error: Content is protected !!