रौनक शर्मा

पानीपत – पानीपत में हेड कॉन्स्टेबल आशीष उर्फ सिंघम को अपने ही विभाग के भ्र्ष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर पुलिस ने सिंघम को गिरफ्तार कर लिया जबकि सिंघम ने कहा था वह आज खुद अपनी गिरफ्तारी दे देंगे लेकिन पुलिस ने उसी के पुलिस लाईन स्थित क्वार्टर से सिंघम को अर्धनग्न हालत व सिंघम के पिता को भी गिरफ्तार करके थाने में ले गए। थाने में ले जाते समय पुलिसकर्मियों ने सिंघम के पिता को पानीपत जीटी रोड हाइवे के बीचो बीच गिराकर चले गए। जिसकी सूचना जयहिन्द को मिली तो जयहिन्द तुरंत सिंघम के पिता के पास पानीपत पहुंचे।

इस मामले को लेकर जयहिन्द की पुलिस अधिकारियों के साथ बहस भी हुई जिसके बाद आशीष उर्फ सिंघम के पिता, एडवोकेट जेपी शेखपुरा, राम रतन शर्मा समेत पांच सदस्यों को आशीष से मिलने थाने के भीतर ले जाया गया।

जयहिन्द ने कहा कि हम पूरी तरह से आशीष उर्फ सिंघम व उसके परिवार के साथ है। जिस तरह से सिंघम के साथ व्यवहार किया गया है उससे ये पता चलता है कि हमारे गृह मंत्री गब्बर सिंह नही गड़बड़ सिंह है। इससे साफ पता चलता हैं एक ईमानदार पुलिसवाला इस भृष्ट सिस्टम नही झेला जा रहा है।

जयहिन्द ने बताया कि यह इस सिस्टम की नाकामयाबी का नतीजा है कि प्रदेश का खेल मंत्री जिस पर इतनी संघीन धाराएं लगी है वो तो बाहर घूम रहा है व न ही उससे अब इस्तीफा लिया गया है और एक ईमानदार पुलिसकर्मी ईमानदारी से अपना काम कर रहा था, लोगो की सेवा कर रहा था तो उसे उठा कर जेल में डाल दिया।

जयहिन्द ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी 14 फरवरी को यहाँ आ रहे है उन्हें सिंघम को लोगो की आवाज उठाने व अपने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर फूल देकर सम्मानित करना चाहिए, लेकिन सिंघम को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।

जयहिन्द ने माननीय न्यायालय से अपील करते हुए बताया कि आपको यह देखना चाहिए कि अगर कोई भी आदमी इस तरह से भ्रष्टाचार व सिस्टम के खिलाफ लड़ रहा है उसे यह सिस्टम व सरकार कैसे परेशान कर रही है।

जिस तरह से सिंघम को पुलिस द्वारा उठाकर जेल में लाया गया उससे यह साफ होता है यह जो भृष्ट सिस्टम है और जो इनके पालनहार है वो हमारे गृह मंत्री गड़बड़ सिंह है। वो किस मुह से कौनसा दरबार लगाएंगे। इसका मतलब है कि उनके दरबार मे जो भी जाएगा वह जेल में पायेगा।

जयहिन्द ने बताया कि सेक्शन 186 जिसमे सिर्फ तीन महीने की सजा है, सेक्शन 323 जिसमे एक साल की सजा है, सेक्शन 332 जिसमे तीन साल की सजा है, सेक्शन 353 जिसमे दो साल की सजा है, सेक्शन 506 जिसमे दो साल की सजा है और सेक्शन 120 जैसी धाराएं सिंघम पर लगाई गई है। सेक्शन 41A के तहत सुप्रीम कोर्ट के आरनेश कुमार का जजमेंट है की जिसमे साफ साफ लिखा है कि सात साल से कम मामलो की सजा में आपको पहले नोटिस देने पड़ेगा लेकिन यहां सिंघम के मामले में तो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी उलंघना हो रही है।

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