गिगनाऊ के बागवानी एक्सीलेंस सेंटर से दक्षिण हरियाणा के किसान लेंगे बेल पर टमाटर व खीरे की पैदावार

चंडीगढ़ , 9 फरवरी – दक्षिण हरियाणा के रेतीले क्षेत्र के किसान पौधे पर नहीं बल्कि बेल पर टमाटर व खीरे की पैदावार लेंगे , ये पौध भिवानी जिला के गांव गिगनाऊ में स्थापित किए गए अर्ध शुष्कीय इंडो-इजराईल बागवानी उत्कृष्ट केंद्र में तैयार की जा रही हैं। इस केंद्र के नवीनतम तकनीक पर आधारित 16-17 स्ट्रेक्चर बनाए गए हैं, जहां पर कड़ाके की ठंड और लू के प्रकोप का भी पौध पर असर नहीं होगा। यहां पर 35 से 40 लाख पौध एक साथ तैयार होंगी। इसमें जर्मनी की तकनीक पर आधारित एक ऐसा भी स्ट्रक्चर है जो पौधे को हवा-पानी की जरूरत के अनुरूप अपने आप खुल जायेगा। यह उत्कृष्टता  केंद्र न केवल भिवानी जिला के लोहारू क्षेत्र बल्कि पूरे दक्षिण हरियाणा के किसानों को राह दिखाएगा बल्कि पुरे राज्य के किसानों का मार्गदर्शक बनेगा।

उल्लेखनीय है कि लोहारू क्षेत्र के गांव गिगनाऊ में अर्ध शुष्क बागवानी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करवाया गया है, जिसका उद्घाटन करीब दो सप्ताह पूर्व  22 जनवरी को किया गया था। करीब 50 एकड़ में बनाए गए इस उत्कृष्टता केंद्र पर 12 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है।

यहां पर 17 प्रकार के विभिन्न ढांचे बनाए गए हैं, जिनमें एक ग्राफ्टिंग ढांचा है, जो सर्दी व गर्मी में पौधे को अनुकूल तापमान देगा। यहां पर अनार, पपीते व सब्जियों की पौध तैयार की जाएगी। इसी प्रकार से हाईटेक ग्रीन हाउस में तापमान व आर्द्रता को नियंत्रित किया जाता है। यहां पर नेच्यूरल वेंटिलेटिड पॉलीहाउस बनाया गया है, यह पूरी तरह से सेंसर बेस है, जो जर्मनी की तकनीक पर आधारित है। पौधे की धूप-हवा की जरूरत के अनुसार इसकी सीट अपने आप खुल जाती है।  यह हरियाणा में एकमात्र नेट हाउस है, जो कि गिगनाऊ गॉंव में लगाया गया है। इसी प्रकार से यहां पर दो पॉलीनेट हाऊस बनाए गए हैं, जो पॉलीथीन सीट व नेट को मिलाकर बनाया गया है। इसमें ऊपर पॉलीथीन व बराबर में नेट लगाया गया है। पॉलीथीन बारिश को और नेट कीड़े-मकौड़ों से बचाव करता है, इसमें लाल-पीली व हरी शिमला मिर्च तथा बेल वाले टमाटर व खीरे की पौध तैयार की जाएगी। यहां पर दो नेट हाऊस बनाए गए हैं,जिसमें सही रूप से हवा को नियंत्रित कर आदान-प्रदान होता है। उत्कृष्ट केंद्र में इन्सेक्ट नेट हाऊस लगाए गए हैं। इसमें कंक्रीट के बेड बने हुए हैं, जो टपका सिंचाई प्रणाली के साथ हर एक पॉलिथीन में एरोड्रिपर के माध्यम से फल वाले पौधे जैसे किन्नू, मालटा, नींबू, अनार, अमरूद, अंजीर, ड्रैगन व एपल बेर आदि के पौधे तैयार किए जाएंगे।

इस उत्कृष्टता केंद्र में एक मदर ब्लॉक भी बनाया जा रहा है,जिसमें किन्नू-मालटा आदि के बड़े पौधे तैयार कर उनमें कंटिंग व बड लेकर पौधे तैयार किए जाएंगे, जो हर प्रकार की बीमारी से रहित होंगे। यहां पर वॉक-इन टेंनल बनाया गया है, यह स्ट्रेक्चर पॉलीथीन व पॉलीथीन के नीचे नेट लगाकर एक टनल टाइप का स्ट्रक्चर होता है, इसमें बेल वाले टमाटर, खीरे, तीनों प्रकार की शिमला मिर्च व स्ट्रॉबेरी की खेती होगी। यह टनल पौधे की अत्यधिक सर्दी व गर्मी में पौधे को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। इस सभी स्ट्रक्चरों में ड्रिप इरीगेशन लगाया है। यहां पर एक केंचुआ खाद यूनिट भी लगाई गई, जिसमें केंचुआ खाद तैयार कर इस केंद्र के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती का मॉडल तैयार किया जाएगा। मधुमक्खी पालन के लिए एक शैड तैयार किया गया है।
 इस हाइटेक ग्रीन हाउस में सब्जियों की 30 से 40 लाख पौध तैयार की जा रही हैं। यहां पर 20 एकड़ में खजूर, अनार, अमरूद, बादाम, नाशपाती, नींबू वर्गीय फल, बेर, अनार, ड्रैगन फ्रूट एवं रेड ब्लड माल्टा के पौधों को रोपण किया जा रहा है। सब्जियों फलों में सिंचाई का प्रबंध सूक्ष्म सिंचाई पद्धति द्वारा किया गया है, जहां से किसानों को सूक्ष्म सिंचाई की पद्धति पर कृषि-बागवानी इसके लिए 62 लाख लीटर के दो टैंक बनाए गए हैं।

2030 तक प्रदेश में 17 लाख एकड़ बागवानी क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य  – कृषि मंत्री जेपी दलाल
प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल ने गांव  गिगनाऊ में बनाए जा रहे बागवानी के एक्सीलेंस सेंटर के बारे में कहा कि यह किसानों की समृद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। प्रदेश में बागवानी के लिए कई गुणा बजट बढ़ाया गया है। अब वो दिन दूर नहीं जब हरियाणा के किसानों के उत्पाद अमेरिका व दूसरे देशों में निर्यात  किए जाएंगे। वर्ष 2030 तक 17 लाख एकड़ बागवानी का क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

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