यूपी में तो अडानी के साथ और बुरा हुआ ? 25 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट छिन गया

भारत सारथी

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप को झटके पर झटके लग रहे हैं. अब खबरें हैं कि 25 हजार करोड़ रुपए का एक और झटका लगा है. यूपी सरकार से. मामला बिजली के स्मार्ट मीटर के टेंडर से जुड़ा है. उत्तर प्रदेश में बिजली के 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर लगने हैं. इसके लिए विद्युत विभाग ने करीब 25 हजार करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था, जिसमें अडानी की कंपनी ने भी बोली लगाई थी. माना जा रहा था कि टेंडर अडानी ग्रुप की कंपनी को मिलना तय था, क्योंकि सबसे कम बोली उसने ही लगाई थी लेकिन अब विभाग ने पूरी टेंडर प्रक्रिया ही रद्द कर दी है.

अडानी ने लगाई थी सबसे कम बोली

टेंडर में अडानी के अलावा GMR, L&T और इंटेलीस्मार्ट इंफ्रा ने भी बोली लगाई थी. अडानी ने एक मीटर के लिए 10 हजार रुपए की बोली लगाई थी, जो सबसे कम थी.

टेंडर क्यों रद्द हुआ, नहीं पता!

बिजली विभाग ने टेंडर रद्द करने की स्पष्ट वजह नहीं बताई है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 4 फरवरी को एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि टेंडर रद्द किया जा रहा है. हालांकि, अडानी द्वारा लगाई गई सबसे कम बोली भी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन की बिलिंग गाइडलाइन से ज्यादा है. बोर्ड ने इसके लिए गाइडलाइन में 6 हजार रुपए निर्धारित कर रखे हैं. माना जा रहा है कि अब दोबारा टेंडर बुलाए जा सकते हैं. विवाद भी शुरू हो गया है

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पावर कन्ज्यूमर फोरम ने टेंडर को यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के सामने चुनौती दी थी. फोरम का कहना था कि टेंडर के लिए कीमत ज्यादा लगाई गई है. फोरम के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इससे राज्य के पावर सेक्टर का निजीकरण होगा. ऐसा पहली बार हुआ है जब बोली लगाने वालों में से किसी को भी स्मार्ट मीटर बनाने का पूर्व अनुभव नहीं है.

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