भारत सारथी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर अडाणी मामले को लेकर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार नहीं चाहती है कि अडाणी मामले पर संसद में चर्चा हो क्योंकि वह ”डरी हुई है।” उन्होंने कहा कि संसद में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, ”अडाणी के पीछे कौन शक्ति है, देश को पता लगना चाहिए।”

अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वहीं, अडाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है।

अडाणी प्रकरण पर विपक्षी दल लगातार केंद्र को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह के शेयरों में हालिया गिरावट एक ‘घोटाला’ है जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक ने उनमें निवेश किया है।

राहुल गांधी अडाणी मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। राहुल गांधी पहले भी कहते रहे हैं कि मोदी सरकार हम दो हमारे दो की तर्ज पर चल रही है। पीएम मोदी और अमित शाह के साथ गौतम अडानी और अम्बानी का नाम खुलेआम लेते रहे हैं। अब कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।

कांग्रेस ने पूछे केंद्र से 3 सवाल

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अडानी समूह पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर मोदी सरकार खामोश है, जो इस मामले में सरकार की मिलीभगत की ओर एक इशारा है।

सवाल 1: गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का नाम पनामा और पेंडोरा पेपर्स में बहामास और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ऑफशोर कंपनियों को चलाने वालों में शामिल था। उन पर ‘ऑफशोर शेल कंपनियों’ के जरिए ‘स्टॉक हेरफेर’ और ‘धोखाधड़ी’ में शामिल होने का भी आरोप है।

सवाल 2: भाजपा ने सालों से विरोधियों को डराने व कई व्यापारिक घरानों को दंडित करने के लिए एजेंसियों (ED, CBI & DRI) का दुरुपयोग किया है। ऐसे में अडानी ग्रुप पर लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए क्या कार्रवाई हुई? क्या मौजूदा नेतृत्व में निष्पक्ष जांच की कोई उम्मीद है?

सवाल 3: यह कैसे मुमकिन है कि अडानी समूह गंभीर आरोपों के बावजूद जांच से बचा हुआ है? क्या अडानी समूह उस व्यवस्था के लिए जरूरी था जिसे आपके भ्रष्टाचार विरोधी बयानों से फायदा मिला है?

सरकार को संसद में चर्चा की अनुमति देनी चाहिए: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘कई सालों से, मैं सरकार और ‘हम दो, हमारे दो’ के बारे में बात कर रहा हूं। सरकार अडानी जी पर संसद में चर्चा से डरती है। बता दें कि अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ आक्रामक तेज कर दिया है और संसद में चर्चा की मांग कर रही है।

कांग्रेस कर रही निष्पक्ष जांच की मांग

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय या एक संयुक्त संसदीय समिति की देखरेख में निष्पक्ष जांच की भी मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इस मुद्दे में अडानी समूह में निवेश किए गए आम लोगों के करोड़ों रुपये शामिल हैं, जिनके शेयरों ने हिंडनबर्ड शोध रिपोर्ट में ‘वित्तीय गड़बड़ी और स्टॉक हेरफेर’ के आरोप सामने आने के बाद से शेयर बाजारों पर मार देखी है।

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