22 जिलों के 1076 स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा पढ़ने वाले विद्यार्थियों का शुरू हुआ मूल्यांकन : राज नेहरू। प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा कौशल मूल्यांकन अभियान। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक चंडीगढ़ : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा कौशल मूल्यांकन अभियान शुरू किया है। इसके अंतर्गत राज्य के 1076 स्कूलों के 81 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग ने इसके लिए 300 प्रशिक्षित लोगों की टीम मैदान में उतारी है। कुलपति श्री राज नेहरू ने इसे कौशल अभियान के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी बताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में व्यवसायिक शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ढांचा तैयार कर रहा है। कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 12 सेक्टर में 23 जॉब रोल की व्यवसायिक शिक्षा का मूल्यांकन किया जाएगा। रोजगार और गुणवत्ता की दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। हरियाणा के 81 हजार व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों का मूल्यांकन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अपने हाथ में लिया है। कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि 15 दिन में इस अभियान में टीमें अलग-अलग स्कूलों में जाकर इन 81 हजार विद्यार्थियों का उनके व्यावसायिक विषय के हिसाब से मूल्यांकन करेंगी और उन्हें एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। कुलपति श्री राज नेहरू ने बताया कि जबसे हरियाणा में देश का पहला राजकीय कौशल विश्वविद्यालय स्थापित हुआ है, तभी से प्रदेश में व्यवसायिक शिक्षा के प्रति एक वातावरण बनना शुरू हुआ है और व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इन विद्यार्थियों के लिए स्नातकीय और उससे आगे की शिक्षा के हिसाब से कोर्स डिजाइन कर रहा है। स्कूलों में बढ़ते व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या एक अच्छा संकेत है, जिससे हरियाणा में कुशल मानवीय संसाधनों में बढ़ोतरी होगी। इससे उद्योग को कुशल कामगार और पेशेवर मिलेंगे साथ ही साथ उत्पादकता की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कई नए कोर्स डिजाइन किए हैं। यह कोर्स मार्केट की मांग के हिसाब से बनाए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और इंडस्ट्री को प्रशिक्षित और कुशल कर्मी मिलें। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग की संयुक्त निदेशक अंबिका पटियाल ने बताया कि इस अभियान को चलाने से पहले हमने 300 से भी ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण दिया और उसके बाद यह टीमें पूरे प्रदेश में भेजी गई हैं। सभी 22 जिलों में यह मूल्यांकन किया जा रहा है। इसी के आधार पर विद्यार्थियों का परिणाम भी तय होगा। अंबिका पटियाल ने बताया कि विद्यार्थियों में व्यवसायिक शिक्षा के प्रति काफी उत्साह है और टीमों को अच्छा फीडबैक मिलना शुरू हो गया है। यह हरियाणा में व्यवसायिक शिक्षा के भविष्य की ओर एक सुखद संकेत है। इस अभियान में मूल्यांकन एवं प्रमाण विभाग की संयुक्त निदेशक अंबिका पटियाल, बिजनेस हेड सरोज मिश्रा, सहायक कुल सचिव शिखा गुप्ता, परिणाम प्रबंधक आरती कौल सहित विश्वविद्यालय के कई अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान का हिस्सा हैं। Post navigation ‘प्रजातंत्र में फैसले विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा जैसे मंचों पर चर्चा करके लिए जाते हैं’’- गृह मंत्री अनिल विज दीपक बंसल बने विधानसभा प्रेस सलाहकार समिति के अध्यक्ष और चंद्रशेखर धरणी बने सचिव