Haryana Chief Minister, Mr. Manohar Lal addressing a press conference at Chandigarh on December 31, 2020.

सरकार बैंकों को 5 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी- मुख्यमंत्री

1 लाख परिवारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा

अंत्योदय रोजगार मेलों  के चौथे चरण का जल्द होगा आयोजन 

चंडीगढ़, 3  फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि अंत्योदय परिवार उत्थान योजना हरियाणा की एक ऐसी अनूठी योजना है जो देश के किसी भी राज्य में नहीं है। योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाकर स्वरोजगार प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें। इसके लिए शीघ्र ही अंत्योदय रोजगार मेलों के चौथे चरण का आयोजन किया जाएगा, जहाँ पर संबंधित सरकारी विभागों के साथ- साथ बैंकों  के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे और स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाएंगे।  

यह जानकारी मुख्यमंत्री ने गत सांय बैंकर्स के साथ हुई मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना की समीक्षा बैठक के दौरान दी।  मुख्यमंत्री ने बैंक प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि गरीब परिवारों के लिए नई -नई योजनाएं बनाएं। आने वाले समय में  1 लाख अंत्योदय परिवारों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध करवाने के लिए 5  हजार करोड़ रुपये की राशि का अलग से प्रावधान किया जाएगा।  हरियाणा सरकार सहकारिता में एक बड़ा बदलाव लाने के प्रस्ताव पर कार्य कर रही है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा डेयरी की परिकल्पना की गई है।  इसके लिए सरकार पंचायती जमीन पर डेयरी के लिए शेड लीज़ पर उपलब्ध करवाएगी। स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने के सभी दस्तावेजों की चेक लिस्ट बना लें ताकि स्वरोजगार  मेलों में आने वाले अंत्योदय परिवार उसी दिन अपने ऋण संबंधी सभी कागजात जमा करवाकर ऋण मंजूर करवा सकें। सरकार की ओर से दूध की खरीद सुनिश्चित करवाई जाएगी  और इसके लिए वीटा के अतिरिक्त आउटलेट जगह-जगह पर खोले जाएंगे। इसके लिए वीटा बूथों की मैपिंग की जाएगी। 

बैठक में प्रदेश के लीड बैंक पंजाब नेशनल बैंक व सर्व हरियाणा  ग्रामीण बैंक सहित राष्ट्रीयकृत बैंकों व प्राइवेट बैंकों सहित 22 बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।  मुख्यमंत्री ने  बैंकर्स से आग्रह किया कि  वे अंत्योदय रोजगार मेलों में स्वरोजगार ऋण के लिए विभिन्न विभागों से बैंकों को भेजे गए ऋण संबंधी आवेदनों को तत्काल स्वीकृत करें ताकि लाभार्थी को समय पर ऋण मिल सके और वह समय पर स्वरोजगार शुरू कर सके।  

मुख्यमंत्री ने बैंकर्स को अवगत कराया कि वे पिछले तीन वर्षों से प्रदेश के वित्त मंत्री का प्रभार भी देख रहे हैं इसलिए उन्होंने बजट की बारीकियों को समझा है। सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ प्री बजट बैठकों का आयोजन किया जा रहा है और अच्छे सुझावों को बजट में शामिल भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र में 72 लाख से अधिक परिवारों का सत्यापित डाटा सरकार के पास उपलब्ध है।  बैंकर्स भी केंद्र सरकार की मुद्रा तथा राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के तहत लोगों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए उस डाटा का उपयोग कर सकते  हैं। 

बैठक में  मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डीएस ढेसी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  श्री अनुराग रस्तोगी, उच्चतर शिक्षा व तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त व सचिव श्रीमती अवनीत पी. कुमार, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री केएम पांडुरंग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी के अलावा अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व बैंकर्स उपलब्ध थे। 

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