केंद्र सरकार के बजट में कौशल पर विशेष फोकस।
नए युग के लिए तैयार होंगे कुशल मानवीय संसाधन।
30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान से बनेगा देश में कौशल के प्रति वातावरण।
तीन साल में 47 लाख प्रशिक्षुओं को वजीफा देने की पहल बेहद शानदार।
यूजीसी की कमेटी 2 महीने में तैयार करेगी इंटर्नशिप की गाइडलाइन।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

चंडीगढ़ : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने केंद्रीय बजट में कौशल को लेकर किए गए प्रावधानों को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार कौशल पर बजट में खास फोकस किया गया है। इससे अमृत काल में भारत अतिरिक्त कौशल की ओर अग्रसर होगा और शिक्षा के क्षेत्र में कौशल के नए आयाम सामने आएंगे। ‘अमृत पीढ़ी’ कुशल और विकसित भारत का आधार बनेगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में कौशल को अपनी विशेष प्राथमिकताओं में रखा है। शिक्षा बजट में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है जो कि अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। कोविड के दौरान शिक्षा पर जो प्रभाव पड़ा उसको दूर करने के लिए डिजिटल मोड में काम होगा। विद्यार्थियों को डिजिटल के साथ जोड़ कर तेजी से उनकी स्किलिंग की जाएगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि बजट में स्किल पर जितना फोकस किया गया है, यह अमृत काल में ‘अमृत पीढ़ी’ तैयार करने की दिशा में कारगर कदम साबित होगा। यही अतिरिक्त कौशल भारत को विकसित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। श्री राज नेहरू ने कहा कि इंडस्ट्री पार्टनरशिप और ऑन द जॉब ट्रेनिंग पर बजट में विशेष फोकस है। यह कौशल को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण आयाम हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इस दिशा में सफल प्रयोग कर चुका है। ऑन द जॉब ट्रेनिंग और इंडस्ट्री पार्टनरशिप के दोहरे एकीकृत मॉडल ने रोजगार के नए अवसर सृजित किए हैं और इंडस्ट्री को कुशल पेशेवर उपलब्ध करवाए हैं। अब राष्ट्रीय स्तर पर यह अवधारणा क्रियान्वित होगी तो निश्चित ही इसके शानदार परिणाम आएंगे।

श्री राज नेहरू ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत नए दौर के कोर्स शुरू होंगे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, रोबोटिक्स, मैक्ट्रॉनिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल्स पर बजट में विशेष जिक्र है। यह सभी कोर्स भविष्य के लिए भारत और विश्व की पेशेवर जरूरतों को पूरा करेंगे। यदि ड्रोन की ही बात की जाए तो इस क्षेत्र में लाखों कुशल लोगों की जरूरत है। केंद्र सरकार ने बजट में जिन कोर्सों को रखा है, देश और दुनिया को अब उन जॉब रोल की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। दरअसल बजट के इन प्रावधानों से इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप कोर्स बनाए जा सकेंगे। अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने की घोषणा कौशल के विकास की दिशा में सरकार के विजन को स्पष्ट करती हैं। श्री राज नेहरू ने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से उत्कृष्टता आएगी। मांग पर आधारित औपचारिक कौशल को सक्षम करने, लघु एवं मंझले उद्योग सहित नियोक्ताओं को साथ जोड़ कर उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि अप्रेंटसशिप की गाइडलाइन 2 महीने में बन कर तैयार हो जाएंगी। इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तीन साल में 47 लाख प्रशिक्षुओं को वजीफा देने का ऐलान कर बड़ा कदम उठाया है। इससे अप्रेंटसशिप के प्रति उत्साह और रुझान बढ़ेगा।

‘देखो अपना देश’ पहल के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट कौशल और उद्यमिता विकास पर सरकार विशेष तौर पर काम करेगी। एडवांस स्किल ट्रेनिंग और आधुनिक डिजिटल ट्रेनिंग से लेकर कई अन्य क्षेत्रों के लिए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान का एलान किया गया है। यह अत्यंत सराहनीय पहल है। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि केंद्र सरकार का साल 2023-24 का बजट प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उस विजन की स्पष्ट झलक है, जिसमें वह कौशल के जरिए भारत को एक विकसित राष्ट्र की राह पर ले जा रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल देश का पहला राजकीय कौशल विश्वविद्यालय स्थापित कर इस दिशा में हरियाणा से महत्वपूर्ण पहल कर चुके हैं। कौशल शिक्षा के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश के अन्य संस्थानों के लिए मॉडल का काम कर रहा है।

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