इस बजट में न तो आम आदमी के लिए महंगाई दूर करने की, न ही युवाओं के लिए बेरोजगारी दूर करने की और न ही किसानों को उसकी फसलों पर एमएसपी देने की कोई योजना बनाई गई है शिक्षा बजट को 2.64 प्रतिशत से घटा कर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है वहीं स्वास्थ्य बजट को भी 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.98 प्रतिशत कर दिया गया है पिछले साल 2022-23 के बजट में कृषि और संबद्ध छेत्र का 1,51,521 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था जिसे इस बार 2023-24 के लिए 5 प्रतिशत घटा कर 1,44,214 करोड़ रूपए किया गया है कृषि बजट जो 2022-23 में कुल बजट का 3.84 प्रतिशत था उसे अब घटा कर 3.20 प्रतिशत कर दिया गया है चंडीगढ़, 1 फरवरी: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट को किसान, कामगार, छोटे व्यापारी, युवा और आम आदमी विरोधी बताते हुए कहा कि आज जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद वर्ग हैं उनकी पुर्णतया अनदेखी की गई है। इस बजट में न तो आम आदमी के लिए महंगाई दूर करने की, न ही युवाओं के लिए बेरोजगारी दूर करने की और न ही किसानों को उसकी फसलों पर एमएसपी देने की कोई योजना बनाई गई है।शिक्षा बजट को 2.64 प्रतिशत से घटा कर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है वहीं स्वास्थ्य बजट को भी 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.98 प्रतिशत कर दिया गया है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है और कोविड जैसी महामारी के दौरान भी जब सभी छेत्र भारी घाटे में चले गए थे तब भी कृषि छेत्र ऐसा था जिसने देश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा था। लेकिन बजट में कृषि और उस पर आधारित किसान को राहत देने के बजाय कटौती कर बहुत बड़ा आघात पहुंचाया है। पिछले साल 2022-23 के बजट में कृषि और संबद्ध छेत्र का 1,51,521 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था जिसे इस बार 2023-24 के लिए 5 प्रतिशत घटा कर 1,44,214 करोड़ रूपए किया गया है। कृषि बजट जो 2022-23 में कुल बजट का 3.84 प्रतिशत था उसे अब घटा कर 3.20 प्रतिशत कर दिया गया है। प्रधान मंत्री फसल योजना जो पिछले बजट में 15,500 करोड़ रूपए था उसे 12 प्रतिशत घटा कर 13,625 करोड़ रूपए कर दिया गया है। प्रधान मंत्री किसान योजना जो पिछले बजट में 68000 करोड़ रूपए था उसे 13 प्रतिशत घटा कर 60 हजार करोड़ रूपए कर दिया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जो पिछले बजट में 10,433 करोड़ रूपए था उसे 31 प्रतिशत घटा कर 7150 करोड़ रूपए कर दिया गया है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कुल मिला कर यह बजट दिखावे मात्र का बजट है और बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जिस किसान की आय 2023 तक दोगुनी करने का वायदा किया गया था उसे बजट में पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। वहीं जिन वर्गों के वोट लेकर भाजपा सरकार देश और प्रदेश में सत्ता में आई थी उन सभी वर्गों की बुरी तरह से अनदेखी की गई है। Post navigation कुलपति राज नेहरू बने यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष ‘परिवार पहचान पत्र’ बन गया है परेशानी पत्र’? फायदा कम, नुकसान ज्यादा