महिला कुश्ती पहलवानों की ओर से हरियाणा की जानीमानी पहलवान विनेश फोगाट व ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व कुश्ती कोचो पर महिला पहलवानों का यौन शोषण का आरोप ऑन कैमरा लगाया है। ओलम्पिक पदक विजेता बजरंग पूनिया सहित तीस से ज्यादा जानेमाने देश के महिला व पुरूष पहलवानों ने इस आरोप का समर्थन किया है।

19 जनवरी 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि 8 वर्ष पूर्व जिस हरियाणा की धरती पानीपत से प्रधानमंत्री मोदी जी ने कथित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जुमला उछाला था, उसी धरती की जिन धरती पुत्रियों ने खेलों के माध्यम से प्रदेश व देश का नाम ना केवल पूरी दुनिया में रोशन किया अपितु देश की झोली में अनेक विश्व स्तर के मैडल डालकर भारत का मान भी बढाया है, आज उन्ही बेटियों की इज्जत भाजपा राज में सुरक्षित नही है तो बेटी बचाओ-बेटी पढाओ जुमले का औचित्य ही क्या रह जाता है?

विद्रोही ने कहा कि पहले पंचकुला में कार्यरत एक महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर यौन शोषण की एफआईआर चंडीगढ़ पुलिस के पास दर्ज करवाई और कल बुधवार को ओलम्पिक पदक विजेता कुश्ती पहलवानों ने दिल्ली जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करके मीडिया के सामने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर महिला खिलाडियों का यौन शोषण का आरोप लगाया है। महिला कुश्ती पहलवानों की ओर से हरियाणा की जानीमानी पहलवान विनेश फोगाट व ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व कुश्ती कोचो पर महिला पहलवानों का यौन शोषण का आरोप ऑन कैमरा लगाया है। ओलम्पिक पदक विजेता बजरंग पूनिया सहित तीस से ज्यादा जानेमाने देश के महिला व पुरूष पहलवानों ने इस आरोप का समर्थन किया है।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा की बेटियों ने हरियाणा के मंत्री व भारतीय कुश्ती महासंघ पर जो यौन शोषण के आरोप सार्वजनिक मंच से लगाये है, वे बडी चिंता का विषय व महिला खिलाडियों की अस्मिता व गरिमा से जुडे है। इन आरोपों को हल्के में न लेकर इसकी ना केवल स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच की जरूरत है अपितु सम्बन्धित आरोपियों को कानून के अनुसार कठोर दंड भी दिलवाने की जरूरत है ताकि कोई भी कुल्सित भावना से ग्रसित खेल से जुडा व्यक्ति महिला खिलाडियों के शोषण के बारे में सोच भी न सके।

विद्रोही ने कहा कि सबसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि चाहे हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार हो या केन्द्र की मोदी-भाजपा सरकार हो, वह यौन पीडित महिला खिलाडियों के साथ खडी दिखने की बजाय सत्ता दुरूपयोग से संघी यौन शोषकों के बचाव में खडी दिखती है जो और भी बडी चिंता का विषय है। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर महिला खिलाडियों के आरोपों की गहराई से जांच करवाने का जिम्मा उठाना चाहिए और खेल संगठनों से सभी यौन शोषकों को अलग करके उन्हे कठोर दंड दिलवाये ताकि महिलाएं बेहिचक खेलों में देश-प्रदेश को मान-सम्माने बढाती रहे।