नववर्ष में संस्कृत प्रेमियों को मनोहर सरकार का दूसरा तोहफा

साढ़े तीन गुना तक बढ़ी संस्कृत साहित्यकारों की सम्मान राशि

चण्डीगढ़,18 नवंबर – हरियाणा के संस्कृत प्रेमियों के लिए नववर्ष में दूसरी बड़ी खुशी की खबर है। संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि जारी होने के बाद अब मनोहर सरकार द्वारा संस्कृत विद्वानों और साहित्यकारों के लिए बढ़ाई गई सम्मान राशि पर वित्त विभाग ने भी स्वीकृति की मोहर लगा दी है। ऐसे में इस बार से पुरस्कार के लिए आवेदन करने वालों को यह लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

 लंबे समय से सम्मान राशि की बढ़ोतरी के इंतजार में संस्कृत साहित्यकारों के लिए यह किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है  इसके अलावा सम्मान की नियमावली में भी फेरबदल किया गया है। सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिए अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। छात्रवृत्ति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।

 हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ.दिनेश शास्त्री ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अकादमी द्वारा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं संवर्द्धन हेतु विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जाती हैं। अकादमी की उपलब्धियों से गदगद  माननीय मुख्यमन्त्री ने फरवरी माह में आयोजित राज्य स्तरीय साहित्य पर्व के समय सम्मान राशि में वृद्धि करने की घोषणा की थी। इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। इसे मुख्यमंत्री द्वारा तीन माह पूर्व अनुमोदित कर दिया गया था। इसी कड़ी में प्रदेश के वित्त विभाग ने भी पुरस्कार की राशि वृद्धि पर स्वीकृति की मोहर लगा दी है। इससे इस बार से आवेदन करने वाले साहित्यकारों को इसका लाभ मिलेगा।  इसके तहत सम्मान राशि में दो गुना से लेकर साढ़े 3 गुना की बढ़ोतरी की गई।

 डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘ संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’ में पहले 2 लाख रुपये की राशि मिलती थी, इसे अब सीधा साढ़े तीन गुना 7 लाख मिलेंगे। इसी तरह ‘ हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’ की पुरस्कार राशि दो लाख से सीधे ढाई गुना 5 लाख हो गई है।

इसी तरह महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख से ढाई गुना बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है। महर्षि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख , आचार्य स्थाणु दत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख की जगह दो लाख रुपये मिलेंगे। इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख से बढ़कर ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।

 डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि आचार्य सम्मान में भी पुरस्कार राशि 4 लाख से 8 लाख कर दी गई है। इसके तहत अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तण्ड पं.सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं.युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान में अब एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान को भी एक लाख से दो लाख रुपए कर दिया गया है।

डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय ने संस्कृत की नवलेखन प्रतिभाओं के लिए पुस्तक पुरस्कार राशि को भी 31 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। इससे साहित्य लेखन में प्रतिभाएं और उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी। पांडुलिपि प्रकाशनार्थ सहायता अनुदान में मानदेय राशि 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार कर दी गई है। लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में प्रथम को अब 10 हजार, द्वितीय को 8 हजार तथा तृतीय को 5 हजार का पुरस्कार मिलेगा।

डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को भी सरकार ने विशेष तोहफा दिया है। इसके तहत प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, विशारद, प्राक् शास्त्री और शास्त्री कक्षा में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि अब तीन हजार की जगह 8 हजार मिलेगी। इसी तरह आचार्य कक्षाओं के छात्रों को 10 हजार रुपए मिला करेंगे। डॉ.दिनेश शास्त्री ने बताया कि अभावग्रस्त संस्कृत लेखकों को चिकित्सा खर्च में एक वर्ष में तीन हजार की जगह 50 हजार की सहायता मिल सकेगी। इसी तरह लेखक को वित्त वर्ष में मिलने वाली वित्तीय अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 6 हजार से सीधे 21 हजार कर दिया गया है।

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