भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । जनवरी। श्री गौड़ ब्राह्मण सभा द्वारा मकर संक्रांति के पावन पर्व आज प्रात: सभा भवन में हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हवन कार्यक्रम में बतौर मुख्य यजमान सुनील गौड़ ने सपत्नी हवन में आहुति डाली। उपस्थित विप्र जनों ने जन कल्याण हेतु हवन में आहुतियां डाली।

हवन कार्यक्रम शारदा संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य देवदत्त शास्त्री व आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री के सानिध्य में हुआ जिसमें शारदा संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों ने मंत्रोच्चार के साथ विधिविधान से यजमान सुनील गौड़ से सभी देवताओं का पूजन करवाया। हवन के पश्चात शारदा संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों को गर्म वस्त्र भी भेंट किए गए।

इस मौके पर आचार्य देवदत्त शास्त्री ने कहा कि मकर सक्रांति पर्व दान-पुण्य का बहुत महत्व होता है। उन्होंने कहा कि इसी कारण हमने भी मकर संक्रांति पर हवन के बाद प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस मौके पर आचार्य क्रांति निर्मल ने बताया कि हर वर्ष प्राय: मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस बार भी अधिकांशत 14 जनवरी को ही मकर सक्रांति का पर्व मनाया गया । इस पर प्रकाश डालते हुए आचार्य ने बताया कि इस बार भगवान सूर्य 14 जनवरी को रात्रि 8 बजकर 2 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। जब भी सूर्य सूर्यास्त के बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तब पुण्य काल अगले दिन सूर्योदय होने के पश्चात प्रारंभ होता है, अत: मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने के चलते इस वर्ष सभी ने 14 जनवरी को ही यह पर्व धूमधाम से मनाया।

कॉलेजियम सदस्य विजय गोस्वामी ने कहा की हिंदु मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस तिथि से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं. हिंदू शास्त्रों में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व होता है। उन्होंने बताया कि इस दिन हवन यज्ञ का विशेष महत्व होता है।

इस मौके पर गौड़ सभा में प्रमुख रूप से ठेकेदार कृष्ण कुमार शर्मा, मास्टर किशनलाल शर्मा, दयाकिशन शाडिल्य, एडवोकेट मनीष वशिष्ठ, मदनलाल शर्मा, केके शर्मा, विजय गोस्वामी तथा धीरज शर्मा सहित काफी संख्या में विप्रजन मौजूद थे।

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