अशोक कुमार कौशिक नारनौल/बहरोड़। एक बच्चा जो 6 साल में संन्यासी हो गया, जिसके पिता ने अपने वचन का पालन करते हुए अपने बेटे को जनकल्याण के लिए संतों को सौंप दिया। वो बच्चा, नाथ पन्थ की परंपराओं से जुड़ा और पूरे देश भर में प्रसिद्ध हुआ। अध्यापक से सांसद तक का सफ़र तय किया। बड़े बड़े विद्वानों से नाम जुड़ा, पर अब बड़े बड़े विवादों में बाबा बालकनाथ का नाम आ रहा है। कभी DSP को धमकी देने में, तो कभी विधायक को। अब सांसद बाबा पर भी गुंडा राज सरीखे कई आरोप लग रहे हैं। सुभाष यादव, जिनकी आस्था, जनकल्याण और नाथ पंथ में इतनी प्रगाढ़ थी कि अपने होने वाली संतान को नीमराना के सिद्ध बाबा खेतानाथ को सौंपने का वचन दे आए। जब किसान सुभाष यादव को अपनी पत्नी उर्मिला देवी से 16 अप्रेल 1984 को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तब भी उन्होंने अपने वचन को याद रखा। अपने बेटे को बाबा खेतानाथ के पास ले गए, उन्होंने गुरुवार को जन्मे बच्चे का नाम गुरुमुख रखा और कहा कि अभी इसे अपनी माँ से दूर करना ठीक नहीं है। पहली गुरु माँ है। सही समय पर इसे बुला लिया जाएगा। शिक्षा और राजनीति के गुरु बने सांसद चांदनाथ योगी जन्म के ठीक 6 साल बाद बालक गुरुमुख को बाबा खेतानाथ के यहाँ न सिर्फ शिक्षा के लिए भेजा गया, बल्कि संन्यासी की दीक्षा भी दे दी गयी। जब गुरुमुख को आश्रम भेजा गया तब तक बाबा खेतानाथ ब्रह्मलीन हो चुके थे। उनकी गद्दी पर बाबा सोमनाथ महंत बन चुके थे। बाबा सोमनाथ ने प्रारंभिक शिक्षा के बाद ही बालक को, बहरोड़ से विधायक और अलवर से सांसद महंत चाँदनाथ योगी की शरण में भेज दिया। वहां शिक्षा के साथ – साथ संगत में राजनेताओं से भी भेंट होती रही। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव की घोषणा महंत चांदनाथ योगी बीमार रहने लगे। इसके बाद अगले उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएँ तेज़ हुईं। तब योगगुरु बाबा रामदेव और नाथ संप्रदाय से ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्थल बोहर के आठवें उत्तराधिकारी के रूप में गुरुमुख महंत बाबा बालकनाथ योगी का नाम घोषित किया। देश भर के बड़े संतों और बालकनाथ योगी के गुरु महंत चांदनाथ योगी ने इस नाम पर सहर्ष सहमति दी। सांसद चांदनाथ योगी 17 सितम्बर 2017 को लम्बी गंभीर बिमारी की वजह से ब्रह्मलीन हुए। इसके बाद उनकी गद्दी पर बालकनाथ को बैठाया गया। अब बालक नाथ रोहतक के मस्तनाथ मठ के मठाधीश और बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर है। बाबा बालक नाथ भाजपा की उसी गद्दी से सांसद भी हैं जहाँ से उनके गुरु चांदनाथ योगी भी थे। विवादों में बाबा बालकनाथ बाबा बालक नाथ कई बार अपने बयानों की वजह से विवादों में आए हैं। वो कभी राजस्थान की मौजूदा गहलोत सरकार को कोसते हुए, तो कभी कांग्रेस की नीतियों को राष्ट्र विरोधी बताते हुए नज़र आते हैं। अभी भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ पर अलवर के बहरोड़ से डीएसपी आनंद राव को धमकी देने का आरोप है। वैसे ये पूरी घटना मीडिया के कैमरे में भी कैद है। “केवल 9 महीने का शासन बाकी रहा है, इसके बाद इसको अफ़सोस रहेगा कि आज उसने कितनी बड़ी गलती की है। ये अफ़सोस उसे पूरी जिंदगी रहेगा।” ये बोल बाबा बालकनाथ के हैं जो बहरोड़ डीएसपी आनंद राव के लिए कहे गए। बाबा की डीएसपी को धमकी का पूरा प्रकरण सीधे तौर पर लड़ाई कांग्रेस – भाजपा की है, उनके समर्थकों की है, ये लड़ाई क्षेत्र में अपना वर्चस्व बढाने की है। बहरोड़ के सरकारी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में अतिथियों के निमन्त्रण से विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद इस कार्यक्रम में भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में रामफल गुर्जर भी मौजूद था, जो 5 जनवरी को पुलिस कस्टडी में मेडिकल करवाने जिला अस्पताल आए बहरोड़ गैंगस्टर विक्रम उर्फ़ लादेन पर गोलीबारी करने का आरोपी है। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय समर्थकों और नेताओं को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। उन्हें रिहा करने की मांग को लेकर भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ और स्थानीय कांग्रेसी विधायक बलजीत यादव आमने सामने हो गये। डीएसपी को क्या कह गये सांसद जी सांसद बालकनाथ ने डीएसपी आनंद राव को कहा, “आप वर्दी वाले गुंडे हैं, मेरी सूची में पहले दो लोग थे, अब आपका नाम भी इस सूची में जुड़ गया है। याद रखना पूर्व एसएचओ विनोद सांखला और विधायक बलजीत यादव के साथ अब आपका नाम भी जुड़ गया है। महज़ 9 महीने का शासन रहा है, याद रखना मेरा नाम, तुम्हें पछतावा होगा कि तुमने ये गलती क्यों की। मैं जीवन भर चैन से नहीं रहने दूंगा। सही समय आने पर सबका हिसाब करूँगा। बच्चे भी तरस करेंगे कि आप उनके बाप थे।” इस पूरे बयान पर पुलिस अधिकारी आनंद राव ने कहा, “ऐसी फ़ालतू बात मुझसे करने की कोई जरूरत नहीं है।” डीएसपी ने घटना के दिन आईजी का फ़ोन नहीं उठाया, विधायक से बात करता रहा – बालकनाथ मीडिया से बातचीत में सांसद जी ने डीएसपी आनन्द राव के लिए कहा कि, “वो मुझ पर आरोप लगाए इतनी हिम्मत है उसकी? वो पुलिस वाला नहीं है, वो दलाल है, उसने बहुत अपराध किये हैं, उसकी कुंडली निकलवाकर जांच हो तो पता चले, वो खुद वसूली करता है, वो राजस्थान पुलिस के नाम पर धब्बा है, उसने बहुत अधर्म किया है और बहुत अवैध सम्पत्ति बना रखी है। उसकी कॉल डिटेल्स निकलवाओ तो पता चले कि उसने आईजी और एसपी के फ़ोन घटना के दिन उठाए ही नहीं, पूरे समय वो कान में ब्लूटूथ लगा कर विधायक बलजीत के सम्पर्क में था. आज पुलिस बस भूमाफियाओं को जमीनें दिलवा रही हैं और इसमें गहलोत सरकार का पूरा सहयोग है।” सांसद को थप्पड़ मार – मार कर लाल कर दिया जाएगा – विधायक बलजीत बहरोड़ से कांग्रेस विधायक बलजीत यादव ने इस मामले में मीडिया को अपने बयान देते हुए कहा, “वो साधू की भगवा वेशभूषा में भेड़िया है, डीएसपी के साथ किए व्यवहार से आपको पता नहीं चला? अगर वो दोबारा ऐसा करे तो उसे थप्पड़ मार – मार कर लाल कर दिया जाएगा” डीएसपी आनंद राव के समर्थन में खड़े नज़र आए विधायक ने धमकी भरे स्वर में कहा, “सांसद ने गुंडों को बचाने के लिए अपने समर्थकों के साथ पुलिस थाने पर हमला किया, पुलिस वालों के साथ बत्तमीजी की, उनका अपमान किया। वो 9 महीने की घमकी देता है, मैं कहता हूँ, जब तक वो जिन्दा है, जब उसे लगे कि वो सत्ता में या पॉवर में आ गया है उस दिन आ जाए। मैं बालकनाथ को चैलेन्ज करता हूँ, वापिस यहाँ आ कर ये नौटंकी कर के दिखाए, कानून अपने हाथ में ले कर दिखाए। डीएसपी के बच्चों के लिए भी गलत बातें बोली गयी, ये संत नहीं है, मैं पहले भी बोल चुका हूँ ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। हिन्दू धर्म को कंलकित करने का काम सांसद ने किया है।” विधायक ने लगाए सांसद पर आरोप विधायक बलजीत यादव ने सांसद बालकनाथ पर आरोप लगाए हैं कि अस्पताल में हुए गैंगवार के आरोपियों को सांसद का संरक्षण मिला हुआ है। पहले भी सांसद आरोपियों से मिलते रहे हैं। बलजीत यादव ने कहा, “सांसद के फ़ोन कॉल की डिटेल्स निकलवा लो, पता लग जाएगा कि किन किन गुंडों से सम्पर्क है इनका, सांसद ने गैंगस्टर के लोगों को एक पैकेट भिजवाया था, उसकी जांच हो, उसमें पैसे हो सकते हैं। पुलिस को सांसद को धारा 120 के तहत गिरफ्तार करना चाहिए।” सांसद जी ने कहा मुझे देख कर विधायक को हार्टअटैक आ जाएगा भाजपा सांसद बाबा बालकनाथ से जब कांग्रेस विधायक बलजीत यादव के बयान के बारे में मीडिया ने पूछा तो कहा, “वो खुद अपराधियों को संरक्षण देता है, वो डरता है मुझसे, मेरे सपने आते हैं उसे, उसके परिवार से पूछो, वो डरता है मुझसे, रात को चौंक कर उठता है। मुझे डर है मैं कभी उसके सामने गया तो उसे हार्ट अटैक न आ जाए, इसका दोष भी मुझ पर न लग जाए। गलती से विधायक बन गया, अब भुगतना पड़ेगा, पर अब आने वाली दसों पीढियों में भी उसके वंश का कोई विधायक नहीं बन पाएगा। थाली बजाने भर से बच्चे पैदा नहीं होते, सही तरीके से जांच होगी तो सब सच सामने आ जाएगा। कानून व्यवस्था का पालन कर अपराधियों को पकड़ो, मैं किसी निर्दोष को सजा नहीं होंगे दूंगा, हमेशा निर्दोषों के लिए खड़ा हुआ हूँ, आगे भी निर्दोष लोगों का साथ देता रहूँगा।” इस मामले में अब क्या होगा? लम्बे समय से ही दोनों जन प्रतिनिधियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इसमें बयानबाजी दोनों तरफ से आ रही थी पर अब भाषाई और पदों की मर्यादाओं को भी लांघा जा रहा है। खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं। जांच की मांग दोनों ही पक्ष कर रहे हैं। पर इस विवाद से कांग्रेस और भाजपा को बड़ा चुनावी मुद्दा मिल गया है। इस मुद्दे से कांग्रेस, भाजपा के गुंडा राज का मामला लाएगी और भाजपा अभी से कांग्रेस राज में हो रही क़ानूनी अव्यवस्था पर सवाल उठा रही है। अभी दोनों ही पक्षों की तरफ से नेताओं की प्रतिक्रियाओं का भी इंतज़ार है। इस पूरे प्रकरण में गहलोत समेत राहुल गांधी को भी बयानों में शामिल कर लिया गया है। जांच की निष्पक्षता का दावा जहाँ कांग्रेस सरकार कर रही है वहीं भाजपा लचर कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत से इस्तीफे की मांग कर रही है। Post navigation मोदी खट्टर के मुंह से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा अशोभनीय मंडीअटेली में सीएम फ्लाइंग की रेड