गुरुग्राम, 04 जनवरी 2023 । दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पीसी मीणा को गत सांय हिसार स्थित मुख्यालय में फेयरवेल दी गई। पीसी मीणा ने डेढ़ वर्ष तक दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर कार्य किया। पीसी मीणा का स्थानांतरण नगर निगम गुरुग्राम के कमिश्नर और गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के ओएसडी के रूप में हुआ है। सभी ने उन्हें बेहतर सेवाओं की शुभकामनाएं दी और उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की। प्रबंध निदेशक पीसी मीणा ने अच्छे विजन के साथ बेहतर मार्गदर्शन किया। इनकी सकारात्मक एवं दूरदर्शी सोच के परिणाम स्वरूप अनेकों प्रबंधकीय निर्णय लिए गए। इनके निर्देशन में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने राष्ट्रीय स्तर पर ए प्लस रेटिंग हासिल की और बिजली निगम ने अनेकों मुकाम हासिल किए। इनमें बिजली निगम के लाइन लॉस को कम करना, सब स्टेशन बनाने के लिए भूमि प्राप्त करना, बकाया राशि की रिकवरी और उपभोक्ताओं को त्वरित रूप से बिजली कनैक्शन देने आदि की अनेकों उपलब्धियां शामिल हैं। पीसी मीणा की अगुवाई में बिजली निगम द्वारा विभिन्न बिल्डरों से बकाया राशि वसूल करना और उन क्षेत्रों में कनेक्शन जारी करना शामिल है। 13 विभिन्न बिल्डरों की एडेक्वेसी पेंडिंग थी और इन बिल्डर एरिया में बिजली के नए कनेक्शन बंद किए हुए थे। उपभोक्ताओं की सहमति से बकाया राशि जमा करवा कर उन्हें कनैक्शन दिए गए। बिल्डर एरिया के रुके हुए 3500 कनेक्शन जारी किए गए। बकाया राशि के रूप में लगभग 68 करोड़ रुपए बिल्डर एरिया के उपभोक्ताओं ने जमा करवाए हैं ताकि उस राशि को उसी एरिया में खर्च करके बेहतर बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा सके। बिल्डर से बकाया राशि को वसूलने की प्रक्रिया जारी है जैसे ही बिल्डर द्वारा राशि जमा होगी, उपभोक्ताओं की उनकी राशि लौटा दी जाएगी। हरियाणा में पहली बार गुरुग्राम की आरडी सिटी के बिजली उपभोक्ताओं को उनकी राशि वापिस कर दी गई है। बिल्डर किसी भी उपभोक्ता से ज्यादा बिलिंग चार्जेस न वसूल सके इसके लिए प्रबंध निदेशक पीसी मीणा ने यूनिफाइड बिलिंग सॉफ्टवेयर बनवाया। बिजली निगम ने इसे आरडब्लूए को फ्री में उपलब्ध करवाया। गुरुग्राम की 15 बिल्डर सोसाइटी में इस बिलिंग का टेस्ट एंड ट्रायल हो चुका है। इन सभी बिल्डर एरिया के उपभोक्ताओं को एच ई आर सी के निर्देशानुसार उचित बिजली की बिलिंग मिल रही है। इस सॉफ्टवेयर से कोई भी बिल्डर अब बिजली उपभोक्ताओं से बिल के अतिरिक्त कोई राशि चार्ज नहीं कर सकेगा। इस वित्तीय वर्ष में 130 करोड़ से अधिक की चोरी पकड़ी जा चुकी है। संपूर्ण वर्ष में 180 करोड़ की चोरी पकड़ने का लक्ष्य प्राप्त करने की पूर्ण संभावना है जोकि डीएचबीवीएन के इतिहास में पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक चोरी पकड़ने का लक्ष्य होगा। इससे बिजली निगम को लॉस कम करने में सहायता मिलती है। औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति सुचारुता के लिए ‘उद्यमी के द्वार’ कार्यक्रम किए गए। गुरुग्राम, सिरसा, भिवानी और हिसार आदि में उधमी के द्वार कार्यक्रम करके औद्योगिक उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए उचित हल किए गए। मौके पर ही उद्यमियों की मांग के अनुरूप उनके अतिरिक्त लोड भी सैंक्शन किए गए। आरडब्ल्यूए द्वारा मेंटेन किए जा रहे ग्रुप हाउसिंग के 70 फीडर में से 61 फीडर की मेंटेनेंस भी बिजली निगम द्वारा टेकओवर की गई। इसमें से इन फीडरो में फाल्ट होने के बावजूद भी कम समय में एक्सपर्ट द्वारा तुरंत बिजली ठीक की जा रही है और इन सभी फीडर को बिजली निगम द्वारा मेंटेन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधी शिकायतों के शीघ्र समाधान के लिए गुरुग्राम में सीबीओ का एक्सटेंशन एवं डाटा सेंटर कार्यालय भी बनाया गया। जोकि गुरुग्राम वासियों की काफी समय से ये मांग रही है। ग्रामीण ढाणियों को भी रूरल डोमेस्टिक फीडर से जोड़ने के लिए ढाणियों के साथ साझेदारी का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके तहत 6 ढाणियों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता उपरांत अन्य ढाणियों को भी रूरल डोमेस्टिक फीडर से उचित बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। यह ग्रामीण उपभोक्ताओं की बहुत पुरानी मांग रही है। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति प्रबंध निदेशक पीसी मीणा के मिलनसार व्यवहार की प्रशंसा की गई। इन्होंने सभी की बात को ध्यान से सुना और और निगम हित में ठीक व अच्छे निर्णय किए। सभी अधिकारियों ने उनके द्वारा किए गए कार्यों के उचित मार्गदर्शन करने पर उनका आभार प्रकट किया। इस तबादला विदाई कार्यक्रम में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के निदेशक नीरज आहूजा, कोऑर्डिनेटर वी पी ठकराल, चीफ फाइनेंस अधिकारी सुशीला कुमारी, सभी मुख्य अभियंता विनीता सिंह, नवीन कुमार वर्मा, रजनीश गर्ग, वीके अग्रवाल, अनिल शर्मा तथा सभी अधीक्षण अभियंता एवं अनेकों अधिकारी उपस्थित रहे। Post navigation गांव बंधवाड़ी में अनाधिकृत निर्माणों के खिलाफ निगम की बड़ी कार्रवाई सुलगता सवाल…….रिश्वत-रिश्वत और रिश्वत, आखिर किसके लिए और क्यों ली जाती !