महीना बदला, साल बदला, लेकिन बेरोजगारी कम होने की बजाय बढ़ती गई – हुड्डा

हर बार बेरोजगारी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ता है हरियाणा- हुड्डा
हिसार दूरदर्शन को बंद करने का फैसला वापिस ले सरकार- हुड्डा
बेरोजगारों, गरीबों व किसानों के हितों को कुचलने के लिए उठ रहा है सरकार का हर कदम- हुड्डा
परिवार पहचान पत्र को हथियार बनाकर सरकार काट रही है बुजुर्गों की पेंशन व गरीबों के राशन कार्ड- हुड्डा
इतनी अहंकारी ना बने सरकार कि उसे गरीब और जरूरतमंदों का दर्द दिखना भी बंद हो जाए- हुड्डा

2 जनवरी, चंडीगढ़ः महीना बदलता है, साल बदलता है, कैलेंडर बदलता है लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार का रिकॉर्ड नहीं बदलता। यह सरकार हरियाणा को बेरोजगारी के मामले में हरियाणा को हमेशा पहले पायदान पर लाकर खड़ा कर देती है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने बेरोजगारी को लेकर आए सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़ों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एकबार फिर हरियाणा ने देश में सबसे ज्यादा 37.4 प्रतिशत बेरोजगारी का आंकड़ा छुआ है। यह राष्ट्रीय औसत से साढ़े 4 गुना ज्यादा है।

पिछले महीने हरियाणा में 30.6% बेरोजगारी दर थी। हरियाणा हर बार बेरोजगारी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ता है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक तरफ बेरोजगारी नए आयाम छू रही है। वहीं, गठबंधन सरकार लगातार बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। हरियाणा के सरकारी विभागों में लगभग 2 लाख पद खाली पड़े हैं। उनपर पक्की भर्ती करने की बजाय सरकार कौशल रोजगार निगम के जरिए ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है। लगातार सरकारी विभागों और पदों को खत्म किया जा रहा है।

इसी कड़ी में एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार ने किसानों व समसामयिक मुद्दों पर ज्ञानवर्धक चर्चा, प्रदेश के समाचारों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए बनाए गए हिसार दूरदर्शन को बंद करने का फरमान सुनाया है। इस फैसले की वजह से चैनल में काम करने वाले दर्जनों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और करोड़ों रुपए का इंफ्रास्ट्रक्चर बेकार हो जाएगा। साथ ही दूरदर्शन से जुड़े हरियाणवी कलाकार और अन्य विशेषज्ञ अपनी कला व विशेषज्ञता लोगों तक नहीं पहुंचा पाएंगे। सरकार को चैनल बंद करने या इसे शिफ्ट करने का फैसला वापिस लेना चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार का हर कदम बेरोजगारों, गरीबों व किसानों के हितों को कुचलने के लिए उठ रहा है। परिवार पहचान पत्र को हथियार बनाकर लगातार बुजुर्गों की पेंशन और गरीब परिवारों के राशन कार्ड काटे जा रहे हैं। अब तक सरकार लगभग 5 लाख बुजुर्गों की पेंशन और 10 लाख बीपीएल परिवारों के पीले राशन कार्ड पर कैंची चला चुकी है। गरीब परिवारों की अनाप-शनाप आय दिखाकर उनको कल्याणकारी योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। जरूरतमंद परिवारों का पहले तेल , दाल, नमक आदि से वंचित किया अब बुढ़ापा पेंशन और गरीबों के राशन के अलावा, आयुष्मान भारत, विवाह शगुन,गरीब को घर के लिए मिलने वाले अनुदान समेत किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। हुड्डा ने नसीहत दी कि सरकार को इतने अहंकार में नहीं डूबना चाहिए उसे गरीब और जरूरतमंदों का दर्द दिखना भी बंद हो जाए।

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