शीतलहर और धुंध के कारण हो सकते है हादसे। महिला अध्यापकों को और ज्यादा परेशानी। धुंध में जान हथेली पर रख कर करना पड़ता है सफर : डा. तरसेम कौशिक। कुरुक्षेत्र : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के राज्य उपप्रधान डॉ. तरसेम कौशिक ने शिक्षा विभाग द्वारा शीतकालीन अवकाश में 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाने के फैसले को अव्यवहारिक तथा अतार्किक बताया है। डॉ. तरसेम कौशिक ने कहा कि हसला संगठन द्वारा निदेशक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखकर शीतकालीन अवकाश में कक्षाएं न लगाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के हित में सभी शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने के लिए तैयार हैं। डॉ. तरसेम कौशिक ने बताया कि हरियाणा सहित उत्तर भारत में इस समय प्रचंड शीतलहर चल रही है तथा घना कोहरा छाया रहता है। ऐसे मौसम में विद्यालयों में जाकर पढ़ाई करना केवल समय की बर्बादी है क्योंकि शीतलहर में न तो शिक्षार्थी ठीक ढंग से पढ़ पाएंगे तथा न ही शिक्षक ठीक से पढ़ा पाएंगे। शिक्षा विभाग द्वारा हर वर्ष भीषण सर्दी व शीतलहर को देखते हुए 1 जनवरी से 15 जनवरी तक अवकाश घोषित किया जाता है ताकि विद्यार्थी घर पर ही रहकर विद्यालय में करवाए गए पाठ्यक्रम की दोहराई कर सकें। डॉ. तरसेम कौशिक ने कहा कि शिक्षा विभाग फ़ौरी तौर पर विद्यार्थियों की पढ़ाई की चिंता करता है परंतु ज़मीनी हक़ीक़त कुछ ओर है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर ड्राइवर की वजह से बहुत से विद्यालयों में शिक्षक नहीं है तथा इसके अतिरिक्त ज्यादातर शिक्षकों की ड्यूटी पीपीपी में लगी हुई है। कभी इलेक्शन ड्यूटी तो कभी कोई अन्य गैर शैक्षणिक कार्य। नवम्बर- दिसंबर माह में प्राध्यापकों व अध्यापकों को शिक्षा विभाग द्वारा गैर शैक्षणिक कार्यो में उलझाए रखा। डॉ कौशिक ने कहा कि शीतकालीन अवकाश के दौरान शिक्षकों के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होते है। शिक्षा विभाग द्वारा 10 वीं तथा 12 वीं केे विद्यार्थियों को टैबलैट्स प्रदान किए हैं तथा विद्यार्थियों को टैबलैट के माध्यम से पढ़ाया जा सकता है। अतः विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा शीतकालीन अवकाश के दौरान कक्षाएं लगाए जाने के अव्यवहारिक फैसले को वापस लेते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने का पत्र जारी करना चाहिए ताकि शीतकालीन अवकाश में विद्यार्थी घर पर ही रह कर अपना अध्ययन कर सकें। उन्होंने कहा के ज्यादातर विद्यालयों में शिक्षक स्वयं ही अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियोंं की पढ़ाई करवा रहे हैं ताकि उनका वार्षिक परीक्षा परिणाम अच्छा आ सके। Post navigation प्रदेश अध्यक्ष उदयभान व दीपेन्द्र हुड्डा ने कुरुक्षेत्र में भारत जोड़ो रैली की तैयारियों के लिए कार्यकर्ताओं की बैठक ली सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महंत बंशीपुरी का अहम योगदान : परमहंस ज्ञानेश्वर