सीएम से आंदोलनरत किसानों के नाम पर जन प्रतिनिधियों की मुलाकात करा कर आंदोलन खत्म होने का फैलाया झूठ

पटौदी 30/12/2022 :- विधानसभा में गलत आंकड़े पेश करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तो सरकार भी कार्यवाही के मूड में है, किंतु जो सरकार का अपना विधायक क्षेत्र की सच्चाई के विपरीत झूठी जानकारी देकर सरकार और सीएम को गुमराह करे उसके खिलाफ भी कोई कार्यवाही करेगी क्या बीजेपी सरकार?’ उक्त आरोप महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति के द्वारा स्थानीय बीजेपी विधायक पर लगाते हुए कहा कि ‘1810 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को बचाने के लिए जो किसान विपरीत मौसम के हालातों से जूझते हुए परिवार सहित कई महीनों से अनवरत आंदोलन कर रहे हैं उनके आंदोलन को दोफाड़ करने की कुत्सित मंशा की सोच रखते हुए विधायक ने आंदोलन खत्म करने का इसलिए झूठ फैलाया ताकि प्रभावित किसान भ्रमित होकर मुआवजा उठा लें और शेष बचे किसानों को डर, दबाव व भय दिखा कर इस आंदोलन को षड्यंत्र रच कर खत्म कराया जा सके।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस से सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर वर्मा ने कहा कि जिन लोगों को लेकर विधायक जी सीएम से मिल कर उनका बढ़ाए गए मुआवजे पर धन्यवाद करके किसानों की बल्ले – बल्ले की बात कर रहे हैं वो सिर्फ अपनी झूठी जुमलेबाजी से सीएम को गुमराह कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता में किसान आज भी वहीं धरने पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि धरनारत किसानों ने सरकार के बढ़ाए मुआवजे पर असंतोष जताया है, उनका कहना है कि कॉलोनी और ढाणियों के लिए सीएम ने कोई घोषणा नहीं की है और उन्होंने बीजेपी सरकार को विश्वास तथा भरोसेमंद लायक न होने की बताते हुए सारे आश्वासन लिखित में चाहे हैं।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि इस अधिग्रहण का दोष विधायक द्वारा कांग्रेस पर मढ कर भी उनकी तरफ से भ्रम व झूठ फैलाया जा रहा है जबकि कांग्रेस के उस समय में किए गए अधिग्रहण मुआवजे की राशि और आज की जमीन की कीमतों में जमीन आसमान का अंतर है इसीलिए किसान चाहते हैं की उन्हें आज के रेट के हिसाब से मुआवजा चाहिए। जबकि ये सच है की हरियाणा के इतिहास में जमीन अधिग्रहण की सबसे बेहतरीन नीतियां और उन्नत मुआवजा कांग्रेस की हुड्डा सरकार में ही किसानों को दिया गया है, बीजेपी के राज में तो किसानों को सिर्फ लूटा और बर्बाद ही किया जा रहा है।

वर्मा ने कहा कि चंद पूंजीपतियों के हाथों बिकी हुई ये सरकार 2 करोड़ 67 लाख मुआवजे के साथ 1000 मीटर का प्लाट देकर किसानों के साथ डीलरी कर रही ये सरकार किसानों की जमीनें बेच कर अपने नुकसान की भरपाई कर रही है।

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