हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा,

चण्डीगढ, 22दिसम्बरर:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य एवं हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा, रोङवेज कर्मचारी मिनिस्ट्रीयल स्टाफ कल्याण संघ के राज्य प्रधान बलराज देशवाल व हरियाणा परिवहन कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव राजबीर शर्मा ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए मांग की है कि सरकार टकराव का रास्ता छोड़कर रोङवेज कर्मचारी एससी एंप्लॉयज संघर्ष समिति को बुलाकर उनकी बात सुने व उनकी समस्याओं का समाधान करे तथा परिवहन निदेशक पर उचित कार्यवाही करे।अगर ऐसा होता है तो यह सरकार व विभाग दोनो के हित में होगा।

तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य बलवान सिंह दोदवा,बलराज देशवाल व राजबीर शर्मा ने बताया कि परिवहन निदेशक काफी लम्बे समय से क्षेत्रीय, सामाजिक व जातीय आधार पर भेदभाव करके रोङवेज कर्मचारियों को बांटने का काम कर रहे हैं। इसी आधार परिवहन निदेशक द्वारा रोङवेज कर्मचारी एंप्लॉयज संघर्ष समिति के सदस्यों को किसी न किसी रूप में प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसा करना परिवहन निदेशक की औच्छी मानसिकता को दर्शाता है जबकि उन्होंन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वो विभाग के मुखिया हैं तथा उनको सभी कर्मचारी एक समान होने चाहिए। एससी एंप्लॉयज संघर्ष समिति ने परिवहन निदेशक के भेदभाव रवैए की उच्च स्तर पर भी शिकायत की है तथा तंग आकर प्रदेश के मुख्यमन्त्री माननीय मनोहर लाल जी खट्टर से मिलकर सामूहिक रूप से अपनी नोकरी से त्यागपत्र देने की भी घोषणा की है। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार कुम्भकर्ण की नींद सो रही है तथा उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

आखिर सरकार को कुम्भकर्ण की नींद से जगाने के लिए एससी एंप्लॉयज संघर्ष समिति ने 25 दिसम्बर को बल्लभगढ में उनके निवास स्थान पर जाकर परिवहन मन्त्री का घेराव करने का ऐलान किया है। हरियाणा रोङवेज तालमेल कमेटी एससी एंप्लॉयज संघर्ष समिति के संघर्ष का स्वागत करते हुए समर्थन करती है तथा मांग करती है कि सरकार अपनी हठधर्मिता व टकराव का रास्ता छोड़कर संघर्ष समिति की बैठक बुलाकर उनकी समस्याओ का समाधान करे तथा जातीय भेदभाव रखने वाले बेलगाम अधिकारी पर लगाम लगाते हुए ठोस कार्यवाई करने का काम करे। उन्होंन कहा कि इस तरह के भेदभाव रवैए वाले अधिकारी
सरकार की पीठ में कील ठोकने का काम कर रहे हैं। अगर सरकार ने ऐसे अधिकारी पर लगाम लगाते हुए तुरन्त कार्यवाई नहीं की तो आने वाले समय में सरकार को वोट बैंक का भारी खामियाज़ा भुगतना पङ सकता है।

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