वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र : एक माह के योगा वेलनेस कोर्स के समापन अवसर पर शनिवार को श्रीकृष्णा आयुष विवि के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल में जल नेती कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जलनेती क्रिया और उससे होने वाले लाभ योगा शिक्षक द्वारा बताए गए। इसके साथ एक महीने का योगा वेलनेस कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना द्वारा बांटे गए।

उन्होंने इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों को भावी भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जो मनुष्य अपने समय का सदुपयोग निश्चित लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए करता है वह अवश्य ही जीवन में कामयाबी की बुलंदियों को छूता है। योग शरीर और मन दोनों को साधने की क्रिया है जिसे ज्ञान योग कहा जाता है। योग को स्कील में बदलने वाला मनुष्य कर्मयोगी और दूसरों को सिखाए वह भक्ति योग है। योग की शुरुआत स्वयं के हित की बजाय पूरी मानव सभ्यता की भलाई के लिए हुई है। यही भारतीय संस्कृति का मूल भी है। उन्होंने कहा कि एक महीने के योगा वेलनेस कोर्स में योग सिखने के लिए हरियाणा के विभिन्न जिलों से प्रशिक्षु आ रहे हैं। यह वेलनेस कोर्स का दूसरा बैच था। जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। जल्द ही संस्थान द्वारा एक साल का योगा कोर्स शुरू किया जाएगा। ताकि ओर अधिक बारिकियों के साथ यौगिक क्रियाओं को सिखाया जा सके।

इस अवसर पर स्वस्थरित विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा, डॉ. सुरेंद्र सहरावत, डॉ. शीतल सिंगला और योगा शिक्षक योगेंद्र कुमार भी उपस्थित रहे।