युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए यूथ फेस्टिवल बहुत महत्वपूर्णः प्रो. सोमनाथ

कुवि के 43 वें तीन दिवसीय इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल का आरकेएसडी कॉलेज कैथल में कुवि कुलपति ने किया उद्घाटन।

कुरुक्षेत्र, 16 दिसम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 43वें तीन दिवसीय इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल का आरकेएसडी कॉलेज कैथल में कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा उद्घाटन करते हुए कहा कि युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए यूथ फेस्टिवल बहुत महत्वपूर्ण है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विभिन्न जोन के विजेता टीमों के प्रतिभागी 6 मंचों में 42 विधाओं के माध्यम से तीन दिन तक 500 युवाओं कलाकारों विभिन्न तरह की प्रस्तुति देंगे।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने आरकेएसडी कॉलेज में 3 तीन तक चलने वाले यूथ फेस्टिवल की बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा की संस्कृति को सहेजने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। रत्नावली महोत्सव तथा धरोहर हरियाणा संग्रहालय के माध्यम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी है। रत्नावली महोत्सव द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने लुप्त होते लूर नृत्य को जीवंत करने का कार्य किया है जिसको प्रदेश सरकार ने भी सराहा है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के कुलगुरु प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज, डॉ. राजेश गोयल सचिव हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग तथा आरकेएसडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय गोयल द्वारा आत्मनिर्भर हरियाणा अभियान के तहत् आरकेएसडी महाविद्यालय में स्वरोजगार सृजन केन्द्र जिला कैथल का उद्घाटन भी किया गया।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि गर्वनर हाउस में जब राष्ट्रपति जी का कार्यक्रम हुआ था उसमें भी लूर नृत्य की प्रस्तुति की गई थी। पिछले वर्ष थियेटर पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया था ताकि छात्रों में फिर से थियेटर के प्रति रूचि पैदा हो। आने वाले समय में भी थियेटर से जुड़ी कार्यशाला आयोजित की जाएगी ताकि रंगमंच के कलाकार छात्रों को आनसाइट प्रशिक्षण देने का कार्य कर सकेंगे। इस बार यहां पर 42 विधाओं का मंचन 6 स्टेज में होगा युवाओं की रूचि के अनुसार हरियाणवी पॉप, हरियाणवी सांग को एक नए तरीके से पेश किया जाएगा युवाओं की रूचि के अनुसार पुरानी संस्कृति को मिक्स अपकर विद्यार्थियों के अंदर रूचिकर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

केयू सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. संदीप कंधवाल ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियां छात्रों के सर्वांगीण एवं सार्वभौमिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

केयू के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने लुप्त होती विधाओं को बचाने का कार्य किया है। आने वाले समय में सभी यूथ फेस्टिवल में लूर नृत्य को शामिल किया जाएगा। हरियाणा की गायन शैली को भी यूथ फेस्टिवल में शामिल किया गया है।

पहले दिन कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफी, पॉप सांग हरियाणवी तथा ग्रुप डांस रसिया, क्लासिकल डांस सोलो, सोलो डांस हरियाणवी पुरुष, माईम, संस्कृत ड्रामा, फाक सांग हरियाणवी सोलो, फॉक डांस जनरल, लाईट वोकल इंडियन, क्लासिकल वोकल सोलो तथा ग्रुप डांस जनरल, सांग, ऑन द स्पॉट पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग तथा रंगोली प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस मौके पर केयू सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. संदीप कंधवाल, आरवीएस एवं प्रबंधन समिति के प्रधान साकेत मंगल एडवोकेट, उपप्रधान अश्विनी शोरेवाला, उपप्रधान प्रबंधन समिति नरेश शोरेवाला, महासचिव आरवीएस एवं प्रबंधन समिति पंकज बंसल, कोषाध्यक्ष आरवीएस सुनील चौधरी, कोषाध्यक्ष प्रबंधन समिति श्याम बंसल, प्राचार्य डा. संजय गोयल एवं प्राचार्य प्रभारी डा. हरिंद्र गुप्ता, प्रो. राजपाल, डॉ. गुरचरण सिंह शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!