एडवोकेट मनीष शर्मा बोहड़ाकला और एडवोकेट सुनील शर्मा लोकरा

16 दिसंबर को 497 एडवोकेट अपना मताधिकार का करेंगे प्रयोग

चुनाव अधिकारी एडवोकेट दिनेश के मुताबिक सभी तैयारियां पूरी

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।    पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव आगामी 16 दिसंबर को होना निश्चित किए गए हैं । गौरतलब है कि पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रधान पद के लिए एडवोकेट राहुल यादव और एडवोकेट विशाल सिंह चौहान के बीच सीधा मुकाबला बना हुआ है ।

इसी कड़ी में पटौदी बार एसोसिएशन के उप-प्रधान पद के लिए भी केवल मात्र दो ही उम्मीदवार मैदान में होने की वजह से दोनों के बीच मुकाबला टक्कर का बना हुआ बताया जा रहा है । पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी एडवोकेट दिनेश कुमार जोशी के मुताबिक आगामी 16 दिसंबर को पटोदी बार एसोसिएशन के महिला और पुरुष कुल 497 एडवोकेट के द्वारा अपने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी पसंद के उम्मीदवारों का लोकतांत्रिक तरीके से चयन किया जाएगा। चुनाव के लिए पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई है।

इसी कड़ी में पटौदी बार एसोसिएशन उप प्रधान पद के दावेदार एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा बोहड़ाकला और एडवोकेट सुनील शर्मा लोकरा के द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा किया जा रहा है । हालांकि बातचीत के दौरान दोनों आमने-सामने के प्रतिद्वंदी एडवोकेट के द्वारा कई प्रकार की रोचक बातें भी एक दूसरे के संदर्भ में बताई गई , लेकिन इस प्रकार की बातों को आपसी भाईचारे के चुनाव में किसी भी नजरिए से तवज्जो दिया जाना उचित नहीं हो सकता । जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है , अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उप-प्रधान पद के दावेदार एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा बोहड़ाकला और सुनील कुमार शर्मा लोकरा के द्वारा पटौदी बार एसोसिएशन के जितने भी एडवोकेट सदस्य हैं, और इन्हीं के द्वारा मतदान किया जाना है । अपने-अपने पक्ष में एडवोकेट साथियों का समर्थन जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ।

दूसरे और सीधे सरल शब्दों में चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद हर प्रकार की नीति भी अपनाई जाती रही है । अब यह तो आने वाली 16 तारीख को ही परिणाम के बाद साफ हो सकेगा की पटौदी बार एसोसिएशन के उप प्रधान पद की ताजपोशी एडवोकेट वोटर साथियों के द्वारा एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा या फिर एडवोकेट सुनील शर्मा को की जाएगी । उप प्रधान पद के लिए दोनों उम्मीदवारों में एक और बेहद रोचक बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार शर्मा या फिर ब्राह्मण वर्ग अथवा समुदाय से संबंध रखने वाले हैं। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की दोनों के बीच हार जीत का फैसला जातीय समीकरण पर भी टिका हुआ हो सकता है ? बाहर हाल 16 दिसंबर तक इंतजार चुनाव परिणाम आने तक करना ही होगा।

के चुनाव आगामी 16 दिसंबर को होना निश्चित किए गए हैं । गौरतलब है कि पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव में प्रधान पद के लिए एडवोकेट राहुल यादव और एडवोकेट विशाल सिंह चौहान के बीच सीधा मुकाबला बना हुआ है ।

इसी कड़ी में पटौदी बार एसोसिएशन के उप-प्रधान पद के लिए भी केवल मात्र दो ही उम्मीदवार मैदान में होने की वजह से दोनों के बीच मुकाबला टक्कर का बना हुआ बताया जा रहा है । पटौदी बार एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी एडवोकेट दिनेश कुमार जोशी के मुताबिक आगामी 16 दिसंबर को पटोदी बार एसोसिएशन के महिला और पुरुष कुल 497 एडवोकेट के द्वारा अपने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी पसंद के उम्मीदवारों का लोकतांत्रिक तरीके से चयन किया जाएगा। चुनाव के लिए पटौदी बार एसोसिएशन के द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई है।

इसी कड़ी में पटौदी बार एसोसिएशन उप प्रधान पद के दावेदार एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा बोहड़ाकला और एडवोकेट सुनील शर्मा लोकरा के द्वारा अपनी-अपनी जीत का दावा किया जा रहा है । हालांकि बातचीत के दौरान दोनों आमने-सामने के प्रतिद्वंदी एडवोकेट के द्वारा कई प्रकार की रोचक बातें भी एक दूसरे के संदर्भ में बताई गई , लेकिन इस प्रकार की बातों को आपसी भाईचारे के चुनाव में किसी भी नजरिए से तवज्जो दिया जाना उचित नहीं हो सकता । जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है , अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उप-प्रधान पद के दावेदार एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा बोहड़ाकला और सुनील कुमार शर्मा लोकरा के द्वारा पटौदी बार एसोसिएशन के जितने भी एडवोकेट सदस्य हैं, और इन्हीं के द्वारा मतदान किया जाना है । अपने-अपने पक्ष में एडवोकेट साथियों का समर्थन जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ।

दूसरे और सीधे सरल शब्दों में चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद हर प्रकार की नीति भी अपनाई जाती रही है । अब यह तो आने वाली 16 तारीख को ही परिणाम के बाद साफ हो सकेगा की पटौदी बार एसोसिएशन के उप प्रधान पद की ताजपोशी एडवोकेट वोटर साथियों के द्वारा एडवोकेट मनीष कुमार शर्मा या फिर एडवोकेट सुनील शर्मा को की जाएगी । उप प्रधान पद के लिए दोनों उम्मीदवारों में एक और बेहद रोचक बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार शर्मा या फिर ब्राह्मण वर्ग अथवा समुदाय से संबंध रखने वाले हैं। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की दोनों के बीच हार जीत का फैसला जातीय समीकरण पर भी टिका हुआ हो सकता है ? बाहर हाल 16 दिसंबर तक इंतजार चुनाव परिणाम आने तक करना ही होगा।

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