भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं, मुख्यमंत्री की शिकायत हाईकमान से
मंत्रियों की परफार्मेंस भी उम्मीद मुताबिक नहीं, जिला परिषद चुनाव उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में इन दिनों नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें जोर पकड़ रही है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल से हुई मुलाकात के बाद इसके संकेत मिले हैं। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान ही पीएम ने सीएम से पूछा कि ‘क्या वह खुश हैं?’ वहीं भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ की शिकायत के बाद इससे पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल चुके है। इसके बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की बात ने जोर पकड़ लिया है पारदर्शी और ईमानदार सरकार का दावा हरियाणा में धराशाही होता दिखाई दे रहा है। संभवत गुजरात चुनाव के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाए।

संगठन और सरकार में तालमेल की कमी

मोदी के इस सवाल के कई मायने हैं और इसी वजह से नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा ने जोर पकड़ा। प्रदेश में सीएम चेहरा बदलने के पीछे की एक वजह हाल में हुए हरियाणा जिला परिषद चुनाव में भाजपा का खराब प्रदर्शन भी माना जा रहा है। दूसरा अहम कारण यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में बेनामी संपत्ति अर्जित की गई है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इसकी शिकायत हाईकमान को की गई है। संगठन और सरकार के बीच बेहतर समावेश दिखाई नहीं पड़ रहा। मुख्यमंत्री खट्टर के कुछ फैसलों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ भी खफा है।

वर्ष 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं और उसके लगभग 6 महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा हरियाणा में भी कई दूसरे राज्यों की तरह चेहरा बदल सकती है। हरियाणा में भाजपा सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है।

ऐसे मिले संकेत

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पुराने साथी रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल में उनकी मुलाकात हुई। इसी मुलाकात के दौरान मोदी ने मनोहर लाल से पूछा कि क्या वह खुश हैं?

इस मुलाकात में खट्टर ने मोदी से कहा कि उन्हें इतना जबरदस्त अवसर देने के लिए वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे। खट्टर मोदी को अच्छी तरह जानते हैं और इसी वजह से उन्हें लगता है कि मोदी ने उन्हें गूढ़ तरीके से संकेत दे दिया है कि पार्टी नेतृत्व जल्द ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की ओर जा सकती है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारकों की मीटिंग से निकली चर्चा

हरियाणा भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि संघ के प्रचारक रह चुके हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पिछले महीने संघ के कई पदाधिकारियों को चाय पर अपने घर बुलाया था। इस मुलाकात के दौरान उनके मित्र रहे एक प्रचारक ने कहा कि वह बतौर सीएम 8 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और हरियाणा के तीन दिग्गज लाल यानी चौधरी भजन लाल, चौधरी बंसी लाल और चौधरी देवी लाल का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं।

इस पर मुख्यमंत्री ने इसे नकारते हुए कहा कि उनका ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है। यह भी हो सकता है कि उन्हें सीएम की कुर्सी ही छोड़नी पड़ जाए। हालांकि औपचारिक तौर पर सीएम ने इस पर कुछ नहीं कहा।

केंद्रीय नेतृत्व को यह आभास हो गया है कि उसकी हरियाणा इकाई में सबकुछ ठीक नहीं है। इसकी पुष्टि हाल ही में हुए जिला परिषद चुनाव के नतीजों से भी हो गई। इन चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। सरकार लगातार जनता से दूर होती जा रही है। वृद्धावस्था सम्मान पेंशन पोर्टल को लेकर प्रदेश के बुजुर्ग सरकार से बेहद दुखी हैं। डीएपी के बाद यूरिया खाद की किल्लत से भी किसान सरकार से नाराज हैं। किसके साथ हरियाणा रोडवेज के निजीकरण, किलोमीटर योजना तथा बसों की किल्लत को लेकर भी जनता और कर्मचारी सरकार से दूर होते जा रहे हैं। देश में ऐसे अनेक मुद्दे हैं जिससे सरकार से आम जनता नाराज हैं। शायद यही वजह रही नगर परिषद, पंचायत समिति और पंचायत चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी।

इसके अलावा शराब घोटाला, धान घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला, सरकारी नौकरी घोटाला, अवैध खनन घोटाला जैसे दर्जनों घोटालों को सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री दफ्तर में उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा अंजाम दिया गया लेकिन आज तक किसी की भी जांच सिरे नहीं चढ़ी और घोटालों में संलिप्त लोगों को बचा लिया गया। लगातार घोटालों की परतों ने सरकार की साख पर प्रश्न चिन्ह लगाया है।

भाजपा सिर्फ 7 जिलों में पार्टी सिंबल पर ये चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखा पाई। भाजपा को पार्टी सिंबल पर सिर्फ 22 सीटों पर जीत मिली। हालांकि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व दावा कर रहा है कि वह राज्यों के सभी जिलों में जिला परिषदों का चेयरमैन पद हासिल कर लेगी। यह दीगर बात है कि विजेता प्रतिनिधि सरकार से फायदा उठाने के लिए उसका झंडा थाम ले।

मंत्रियों का प्रदर्शन भी उम्मीद मुताबिक नहीं

हरियाणा में मंत्रियों का कमज़ोर प्रदर्शन भी नेतृत्व परिवर्तन की ताजा अटकलों की वजह में शामिल है। मनोहर कैबिनेट में कई मंत्री ऐसे हैं जिनकी हाल में बनाई गई रिपोर्ट में प्रदर्शन कमजोर आया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इन मंत्रियों के कारण पूरी सरकार की छवि खराब हो रही है। इसको लेकर भी मुख्यमंत्री मनोहर के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं । अब यह दिखाई देने लगा है कि मंत्रियों पर मुख्यमंत्री की पकड़ कमजोर हो गई है और ब्यूरोक्रेट मुख्यमंत्री पर हावी हो गए हैं। संगठन के लोग इस बात पर खफा है कि उनकी आवाज को अनसुना किया जा रहा है।

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