जयपुर घराने के नृत्य कथक के माध्यम से दीपक अरोड़ा, डा.सुभा अरोड़ा के साथियों ने दी दशावतार, द्रौपदी चीरहरण आदि प्रसंगों की सशक्त प्रस्तुति चंडीगढ़ , 3 दिसम्बर- कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शनिवार को दीपक अरोड़ा व डा. सुभा अरोड़ा के साथियों ने जयपुर घराने के नृत्य कथक के माध्यम से दशावतर, द्रोपदी चीरहरण, भगवान कृष्ण की महिमा आदि का बखान अपनी सशक्त प्रस्तुति के माध्यम से किया। संगीतमय, लयबद्घ, शास्त्रीय प्रस्तुति को देखकर सभी दर्शकों ने जोरदार ताली बजाकर इस ग्रुप का अभिवादन किया। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग और हरियाणा कला परिषद ने संयुक्त रूप से इस खूबसूरत कार्यक्रम का आयोजन किया था । कार्यक्रम का शुभारम्भ दीपक अरोड़ा व डा. सुभा अरोड़ा के साथियों ने कथक शैली में दशावतार की प्रस्तुति देकर भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का सजीव चित्रण मंच के माध्यम से किया। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को अपने मोहपाश में बांधा। सभी दर्शक उनके साथ तालियां बजाते हुए तथा झूमकर जुड़े रहे। अगली प्रस्तुति शास्त्रीय लय तीन ताल में सजी हुई बंदिश थी। इस प्रस्तुति से सभी दर्शक भारतीय शास्त्रीय लयकारी से परिचित हुए। इसके बाद सभी कलाकारों ने द्रौपदी चीरहरण प्रसंग का कथक नृत्य के माध्यम से बखान किया। इस प्रस्तुति ने द्रौपदी चीरहरण की गाथा का समावेश था जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम का समापन भगवान कृष्ण की वंदना करते हुए गोविंद बोलो, गोपाल बोलो के बोल पर कथक नृत्य की विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन कलाकारों ने किया। उनकी प्रस्तुतियां पूरी तरह शास्त्रीय पद्धति पर आधारित रही और सभी दर्शकों ने खूब तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। ग्रुप के मुख्य किरदार दीपक अरोड़ा ने बातचीत करते हुए बताया कि जयपुर घराने का नृत्य कथक भगवान की आराधना करने का बहुत बड़ा जरिया है। इस नृत्यावली को गुरु राजेन्द्र गंगानी की प्रेरणा से तैयार किया गया है। इस परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए गुरुग्राम में गुरुकुल म्यूजिक एवं डांस एकेडमी के माध्यम से आगे बच्चों को सिखाया जाता है ताकि हमारी गौरवशाली पारम्परिक नृत्य शैली आगे बढ़ती रहे और आने वाली पीढ़ी को भी इसके बारे में पता चलता रहे। बता दें कि नृत्यकार दीपक अरोड़ा दूरदर्शन के ग्रेडिड आर्टिस्ट हैं । वर्ष 2018 में भी इन्होंने गीता जंयती के मुख्य मंच पर अपनी प्रस्तुति दी थी। उनकी टीम के उन सहित कुल 11 सदस्यों ने कथक नृत्य की प्रस्तुति से सभी का भरपूर मनोरंजन किया। Post navigation क्या स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की मानेंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल? ब्रह्मसरोवर के पवित्र घाट बने कला और संस्कृति के अद्भुत संगम स्थल