राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रभावी कार्यान्वन के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की करी सराहना

-पंचायतों में महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व दिया जाना उनके सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम-राष्ट्रपति

– कृषि के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में भी हरियाणा अग्रिम पंक्ति के राज्यों में शामिल

चंडीगढ, 29 नवम्बर – राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, म्हारा गांव-जगमग गांव और आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कमजोर परिवारों के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की सराहना की। उन्होने कहा कि अपनी विकास यात्रा के दौरान हरियाणा ने अनेक मानकों पर अपना स्थान अग्रणी राज्यों में बना लिया है।      

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज हरियाणा राजभवन में प्रदेश सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में सम्बोधित कर रही थी। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय , पंजाब के राज्यपाल एवं संघीय क्षेत्र चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित,  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यन्त चौटाला और हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चन्द गुप्ता भी उपस्थित थे।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ अभियान के तहत किया जा रहा प्रयास हरियाणा का सबसे अधिक सराहनीय कार्य      

देश की प्रथम नागरिक ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किया जा रहा प्रयास हरियाणा का सबसे अधिक सराहनीय कार्य है। वर्ष 2014 में 871 की तुलना में आज 913 के लिंगानुपात तक पहुंचने की प्रगति यात्रा के लिए हरियाणा सरकार और समाज की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। उन्होने कहा कि पंचायतों में महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व दिया जाना उनके सशक्तिकरण का बहुत प्रभावी माध्यम है। उन्हें प्रसन्नता है कि भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार-2022 में सोनीपत की जिला पंचायत और करनाल जिले में मदननहेड़ी की ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया गया। उन्होनें कहा कि हरियाणा की बेटियों ने राज्य का और भारत का मस्तक उंचा किया है। वे आगामी 30 नवम्बर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के वितरण कार्यक्रम में हरियाणा की तीन बेटियां सीमा पुनिया, अंशु और सरिता को सम्मानित करेंगी।

-हरियाणा भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता का केन्द्र      

हरियाणा को देव और वीर भूमि कहते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि हरियाणा भारत की सबसे प्रचीन सभ्यता का केन्द्र रहा है। वैदिक काल की सबसे महत्वपूर्ण नदी सरस्वती का आशीर्वाद हरियाणा को प्राप्त था। उन्होनें सरस्वती धरोहर के बारे में जागरूकता पैदा करने और उसके संरक्षण के लिए हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड गठित करने के लिए हरियाणा सरकार की सराहना की।

– हरियाणा के बहादुर जवानों का सीमाओं की सुरक्षा में है असाधारण योगदान      

उन्होनें कहा कि कृषि के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में भी हरियाणा अग्रिम पंक्ति के राज्यों में शामिल है। ओटो मोबाइल के उत्पादन में हरियाणा अग्रणी राज्य है और प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से भी हरियाणा पहले 5 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में शामिल है। उन्होनें कहा कि देश के 1.4 प्रतिशत से कम क्षेत्रफल तथा 2 प्रतिशत से भी कम जनसंख्या के आधार पर हरियाणा देश के समग्र विकास में बहुत बड़ा योगदान देता रहा है। हरियाणा के बहादुर जवानों ने सीमाओं की सुरक्षा के लिए असाधारण योगदान दिया है। हरियाणा से अब तक तीन आर्मी चीफ जनरल दीपक कपूर, जनरल दलबीर सिंह सुहाग और जनरल वी.के. सिंह अपना उच्च स्तरीय योगदान दे चुके हैं।      

इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि किसी समाज की प्रगति उस समाज में महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति से होती है। उन्हौने कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सदैव श्रीमद्भगवदगीता के संदेश को जीवन में उतारा है। वे कठोर निष्ठा, त्याग, तपस्या, कर्म और निष्काम सेवा की प्रतिमूर्ति हैं।

उन्हांेनें कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार देश में आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला का सर्वोच्च पद पर आसीन होना देश के लिए ऐतिहासिक एवं गर्व का विषय है। देश की 50 प्रतिशत जनसंख्या यानि कि महिलाओं के लिए अत्यंत ही हर्ष का विषय है। आज गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी समुदाय के लोग व महिलाएं उनमें अपना प्रतिनिधित्व देख रहे हैं।

पंजाब के राज्यपाल एवं संघीय क्षेत्र चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि आज का दिन हरियाणा, पंजाब और चण्डीगढ़ के साथ-साथ पूरे राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। उन्होनें कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का पूरा जीवन संघर्षमय रहा और राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद पर विराजमान होने के बाद भी वे गरीब और आदिवासियों को नहीं भूली। उन्होनें कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि भारत का संविधान और राष्ट्र पूर्ण रूप से उनके हाथों में सुरक्षित रहेगा।

इस अवसर पर सांसद, मंत्रीगण, विधायक और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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