• बीजेपी, इनेलो और AAP को मिले कुल 11% जबकि निर्दलीय और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को मिले 87% वोट- हुड्डा
• जनता ने किया बीजेपी, जेजेपी, इनेलो, आप व अन्य दलों का सूपड़ा साफ, 2024 का रुझान आया सामने- हुड्डा
• आम चुनाव का बेसब्री से इंतजार कर रही है जनता, गठबंधन को सिखाएगी सबक, कांग्रेस की बनेगी सरकार- हुड्डा

28 नवंबर: पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जिला परिषद चुनाव नतीजों पर टिप्पणी की करते हुए कहा कि चुनाव में जनता ने एकबार फिर BJP-JJP को आइना दिखाने का काम किया है। सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी को कुल 5 प्रतिशत वोट मिले। जबकि, सत्ताधारी पार्टी ने अपनी सबसे मजबूत सीटों के ऊपर पार्टी सिंबल पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाया था। बावजूद इसके, 411 में से बीजेपी को सिर्फ 22 सीटें ही मिलीं और उसे सिर्फ 5% सीटों पर ही कामयाबी हासिल हुई।

इसी तरह बीजेपी की अप्रत्यक्ष सहयोगी इंडियन नेशनल लोकदल और आम आदमी पार्टी को भी जनता ने पटकनी देने का काम किया है। दोनों ही दलों को सिर्फ 3-3% वोट मिले। बीजेपी-जेजेपी, इनेलो और आम आदमी पार्टी को कुल मिलाकर 11% वोट ही मिले। जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों को 87% मत हासिल हुए, जिनमें ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ता हैं।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी की परंपरा के तहत ये चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ने का फैसला लिया था। क्योंकि, कांग्रेस का मानना है कि यह भाईचारे का चुनाव होता है। पार्टी नेताओं ने स्थानीय स्तर पर निर्दलीयों को समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी या अन्य पार्टियां अब निर्दलीय विजेता उम्मीदवारों पर दावा ठोक कर जनता को बरगलाने का काम कर रही हैं। जबकि सभी को पता है कि इन दलों ने सिंबल पर चुनाव लड़ा और निर्दलीयों को इनके खिलाफ जीत मिली है। बीजेपी बताए कि अगर वो निर्दलीयों को समर्थन कर रही थी तो उसने पार्टी सिंबल पर उम्मीदवार क्यों उतारे? अगर वो पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ रही थी तो फिर निर्दलीयों को समर्थन क्यों किया?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जनता ने जिला परिषद के साथ सरपंचों के चुनाव में भी सत्ताधारियों का सूपड़ा साफ कर दिया। कई बड़े नेताओं के परिवार से चुनाव लड़ने वाले और उनकी पार्टी के पदाधिकारी सरपंच तक का चुनाव नहीं जीत पाए। इन नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि बीजेपी-जेजेपी से जनता त्रस्त हो चुकी है। क्योंकि गठबंधन सरकार ने अपना एक भी वादा नहीं निभाया है। यह जनहित में नहीं बल्कि स्वार्थ के आधार पर बना हुआ गठबंधन है। इस गठबंधन को अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने वाली पार्टियों की असलियत भी जनता समझ चुकी है। नतीजों में 2024 का रुझान सामने आ गया है। जनता अब पूरी तरह कांग्रेस को वोट देने का मन बना चुकी है। 2024 के आम चुनाव में हरियाणा की जनता गठबंधन का सफाया करके कांग्रेस की सरकार बनाने का काम करेगी।

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