चिता से कुत्ते खींच ले गए शव
आज अधजले शव मिलने से हड़कंप जोरासी वह लावारिस मिला था
पुलिस- नप ने खानापूर्ति कर किया लावारिस का दाह संस्कार

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। शहर में एक लावारिस लाश को अंतिम संस्कार तरीके से न होने कारण आवारा कुत्ते उसे रोड पर ले आये, शव अधजली हालात में था। शव की बेकद्री को लेकर जनता ने प्रशासन को खूब लानते दी है। यह सब हिंदू राज का दावा करने वाली भाजपा शासन के कार्यकाल में हुआ।

पार्षद द्वारा इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद प्रशासन चैता और देर रात करीब 11 बजे शहर एसएचओ की मौजूदगी में दोबारा से लाश का अंतिम संस्कार किया गया। इस मामले में पार्षद और नारनौल एसडीएम की बातचीत भी वायरल हो गई जिसके बाद सोशल मीडिया पर एसडीएम नारनौल को काफी भला-बुरा कहा गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव जोरासी में एक अज्ञात बुजुर्ग का शव मिला था । 48 घंटे तक उसको शिनाख्त के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया था। लेकिन कोई शिनाख्त नहीं कर पाया तो अंतिम संस्कार के लिए शव को नगर परिषद कर्मियों को सौंपा गया । इसके बाद सदर थाना पुलिस ने डेड बॉडी का को माली टिब्बा मोहल्ले में बने श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करवा दिया। अंतिम संस्कार पुरा किते बैगर नगर परिषद कर्मी और पुलिस कर्मचारी वहां से चले गए। उन्होंने यह देखना भी मुनासिब नहीं समझा कि शव की पूर्ण क्रिया हुई है या नहीं। इस दौरान शव आधा जला हुआ रह गया। जिसके बाद शव की अग्नि शांत होने पर कुत्ते उसे उठाकर रोड की तरफ ले आये।

लोगों ने जब शव देखा पार्षद के पास फोन किया। रोड पर ले आए गए शव को लोगों ने शुक्रवार देर रात करीब 9 बजे देखा। जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना नगर पार्षद टिंकू को दी। सूचना मिलने के बाद पार्षद मौके पर पहुंचा तथा उसने इसकी वीडियो बनाई और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। उन्होंने इसकी जानकारी एसडीएम नारनौल को भी दी। लेकिन एसडीएम नारनौल ने कहा कि वह नगर परिषद के अधिकारियों से बात कर ले। एसडीएम का व्यवहार बड़ा रुखा था और इस मामले में उनकी मानवता खत्म सी दिखाई दी। उन्होंने पार्षद की बात सुनकर समाधान करने की बजाय उल्टा देर रात उन्हें फोन करने पर हड़काया ।

इसके बाद बातचीत और शव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन कुंभकरण की नींद से जागा बाद में मौके पर पहुंचे एसएचओ व नगर परिषद के कर्मचारियों तथा पार्षद की टीम ने रात को करीब 11बजे दोबारा से शव का अंतिम संस्कार करवाया।

यहां सबसे मजेदार बात यह है कि यह शव की बेकद्री उस सरकार के राज में हुइ जो हिंदू होने का बड़ा दावा करती है। इस मामले में जिन लोगों ने अंतिम संस्कार करवाया था उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि हिंदू पद्धति के अनुसार शव की पूर्ण क्रिया होने से पहले चिंता को नहीं छोड़ा जाता।

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