जिला परिषद काउंट डाउन …वर्ष का सुपर संडे, चुनाव परिणाम के बाद आरोप-प्रत्यारोप की बरसात !

सबसे अधिक खलबली और चिंता भाजपा खेमे में महसूस की जा रही

वार्ड नंबर 9 ही भाजपा के लिए सबसे अधिक प्रतिष्ठा का सवाल बना

इसी वार्ड नंबर 9 से ही विजेता ही बनेगा जिला परिषद का चेयरमैन

अधिकांश वार्डाे में हार जीत का अंतर बेहद नजदीक होने की उम्मीद

एक विजेता को छोड़ अन्य पर भाजपा कर सकती है अपनी दावेदारी

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम।    27 नवंबर 2022 वर्ष 2022 का सुपर संडे ही साबित होने वाला है । इसका मुख्य कारण है जिला गुरुग्राम में जिला परिषद के भाजपा के द्वारा अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारे गए उम्मीदवार और इन सभी उम्मीदवारों के सामने भाजपा के ही पुराने समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता मुकाबिल भी बने हुए हैं । ऐसे में नामांकन से लेकर और मतदान होने के बाद से अब चुनाव परिणाम सामने आने में कुछ ही घंटे बाकी हैं ।

लेकिन अभी तक के हालात, टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार सहित चुनाव प्रचार के लिए आने वाले नेताओं के द्वारा खासतौर से भाजपा के उम्मीदवारों के लिए दिए गए समय पर ध्यान दिया जाए तो सबसे अधिक चिंता भाजपा खेमे में ही महसूस की जा रही है । इसके एक नहीं अनेक कारण है , इनका पहले ही इशारों इशारों में कई बार खुलासा भी किया जा चुका है । एक  दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष श्रीमती गार्गी कक्कड़ पटौदी विधानसभा क्षेत्र में पहुंची और यहां पर उनके द्वारा यह तो दावा किया गया कि जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कम से कम 7 सीटों पर जीत अवश्य हासिल करने की मजबूत स्थिति में है । लेकिन लाख टके का सवाल यह है भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के द्वारा उन 7 वार्ड या 7 प्रत्याशी अथवा उम्मीदवारों के नाम का खुलासा नहीं किया गया, जिनकी जीत पर भारतीय जनता पार्टी की गुरुग्राम इकाई चुनाव समिति सहित स्वयं भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ को निश्चिंत बने हुए हैं । जिसकी बदौलत उनके द्वारा दावा किया गया कि जिला परिषद की 10 में से कम से कम 7 सीटें भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत रहे हैं ।

हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिला गुरुग्राम मैं जिला परिषद के लिए सोहना , सोहना-बादशाहपुर और पटौदी विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर कुल 10 वार्ड में जिला भाजपा इकाई के द्वारा पार्टी सिंबल पर उम्मीदवार उतारे गए। इन सभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नामांकन के एक दिन पहले करते हुए आनन-फानन में सभी के नामांकन भी भरवाए गए । ऐसे में जो पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता बीते करीब औसतन 1 वर्ष से जिला परिषद चुनाव के लिए भाजपा नेताओं सहित भाजपा पार्टी के कार्यक्रमों में दरी बिछाने से लेकर हर प्रकार की सेवा भाव करते आ रहे थे , ऐसे कर्मठ उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलने का मलाल यह रहा कि भाजपा के अधिकृत या फिर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के सामने जबरदस्त तरीके से चुनावी टक्कर देते हुए दिखाई दे रहे हैं ।

कुल मिलाकर सबसे महत्वपूर्ण अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित जिला परिषद चेयरमैन पद और जिला परिषद वार्ड नंबर 9 अनुसूचित वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने के कारण इसी वार्ड से विजेता महिला उम्मीदवार ही गुरुग्राम जिला परिषद की चेयरमैन बनने की हकदार रहेगी । इसी बीच में सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी सामने निकल कर आ रही है , उस पर भरोसा किया जाए तो अधिकांश सभी वार्डों में भाजपा को भाजपा के असंतुष्ट उम्मीदवारों सहित अन्य पुराने चुनाव लड़ने के दावेदारों के द्वारा सीधे-सीधे चुनौती मिलती दिखाई दे रही है । इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक नजरिए से पैनी नजर रखने वालों की माने तो चुनाव परिणाम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका संडे को ऐसे मतदाता या वोटर की रहेगी, जिन वोटर या मतदाता को साइलेंस वोटर या मतदाता के रूप में जाना जाता है । इसी कड़ी में यह बात भी सामने निकल कर आ रही है कि जहां-जहां भी भाजपा को उनके मुकाबिल पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं या फिर अन्य पार्टी के समर्थक उम्मीदवारों के द्वारा चुनौती मिल रही है, ऐसे सभी वार्डों में हार जीत का अंतर बेहद नजदीक आंकड़े पर ही आकर रुक सकता है ।

दूसरी ओर इस प्रकार की चर्चाएं भी अभी से गर्म होने लगी हैं कि जो भी उम्मीदवार केवल मात्र एक चेयरमैन पद के दावेदार उम्मीदवार को छोड़कर , यदि अधिकांश उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवारों को शिकस्त देकर चुनाव जीतने में सफल रहते हैं। तो कथित रूप से भाजपा संगठन के द्वारा ऐसे सभी उम्मीदवारों को कथित रूप से अपने गले लगाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता । इसका एक मुख्य कारण यही बताया गया है कि ऐसे उम्मीदवार जो यदि चुनाव जीतने में सफल रहते हैं , वह पुराने पार्टी के ही कार्यकर्ता रहे हैं । दूसरी ओर पटौदी के एमएलए और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा शनिवार देर शाम को ही यह संदेश भी प्रसारित किया गया कि 27 नवंबर संडे को वह अपने आवास मानेसर पर ही मौजूद रहेंगे । इसका सीधा-सीधा अर्थ और तात्पर्य यही है कि एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता अपने मानेसर आवास पर मौजूद रहकर जिला परिषद के चुनाव परिणामों पर नजर रखते हुए , इस बात का विश्लेषण करने में मशगूल रहेंगे कि किस वार्ड से कौन उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार पर हैवी रहा या फिर ऐसे क्या कारण रहे जोकि संबंधित वार्ड में भाजपा का कमल नहीं खेल सका ?

इसी कड़ी में जिला परिषद प्रमुख पद के लिए सबसे मजबूत दावेदारी को लेकर जननायक जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं दीपचंद जो कि पूर्व जिला पार्षद भी रह चुके हैं , उनकी पुत्री दीपाली चौधरी की जीत को सबसे अधिक तवज्जो दी जा रही है । इसका मुख्य कारण यही है कि जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला पटौदी जब आए थे , उसके बाद अपना समर्थन खुले तौर पर देकर गए थे । दूसरी ओर दीपचंद अपनी पुत्री दीपाली चौधरी को लेकर राव इंद्रजीत सिंह के पास भी विजय श्री सहित चुनाव में कामयाबी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से पहुंचे थे। हालांकि राव इंदरजीत सिंह के पास अन्य और भी जिला परिषद चुनाव के उम्मीदवार आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे ।

चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में खासतौर से भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न वार्ड में बनाए गए । चुनाव प्रभारी सहित भारतीय जनता पार्टी पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक सरपंच सुंदर लाल यादव को सौंपी गई जिम्मेदारी का भी विश्लेषण किया जाए तो इस बात का खुलासा भी 27 नवंबर सुपर संडे को चुनाव परिणाम की मतगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि उनकी पकड़ कथित रूप से मानेसर नगर निगम चुनाव में निगम मेयर की टिकट दावेदारी को लेकर सीमित रही या फिर जब से उनको इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई । उसके बाद से जिला गुरुग्राम में देहात में पहुंचकर कितना और किस प्रकार का पार्टी प्रचार सहित पार्टी हित में ग्रामीणों के बीच प्रचार प्रसार करते हुए काम किया गया ? इसी कड़ी में एक और खास बात यह सामने आई है कि वार्ड नंबर 9 से जीत के प्रबल दावेदार पूर्व जिला पार्षद दीपचंद के द्वारा चुनाव परिणाम से पहले ही अपनी पुत्री दीपाली चौधरी की जीत को सुनिश्चित मानते हुए शनिवार को ही अपने अपने समर्थकों का मुंह मीठा करवाने के लिए लड्डुओं का बनवाने का सिलसिला आरंभ कर दिया गया । दीपचंद के मुताबिक वार्ड नंबर 9 से दीपाली चौधरी की जीत होना निश्चित है ।

बहरहाल जिस प्रकार के संकेत अभी तक निकल कर आ रहे हैं , उन्हें देखते हुए अंतिम समय में यही आकलन किया जा रहा है कि चुनाव परिणाम बेहद चौकाने भी हो सकते हैं और यह सबसे अधिक भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई तथा जिला परिषद चुनाव में टिकट वितरण करने वाली कमेटी के सदस्यों के लिए और भी अधिक हैरान सहित परेशान करने वाले भी हो सकते हैं ? इस बात से इंकार नहीं की संडे को जैसे-जैसे मतगणना का सिलसिला आगे बढ़ेगा और चुनाव परिणाम सहित रुझान सामने आएंगे । इसके साथ ही विजेताओं की घोषणा होगी , उसके मुताबिक यदि भाजपा के अनुकूल चुनाव परिणाम नहीं रहे तो इस बात से भी इनकार नहीं की भाजपा खेमे में जो हड़कम्प मचेगा , वह सीधे-सीधे पार्टी के नेताओं सहित उनके समर्थकों पर आरोप-प्रत्यारोप के रूप में ही सामने देखने के लिए मिल सकता है। लेकिन 27 नवंबर सुपर संडे जिला परिषद के चुनाव परिणाम की मतगणना होने तक अब इंतजार करने के अलावा अन्य कोई विकल्प भी बचा हुआ दिखाई नहीं दे रहा।

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