इनेलो पार्टी राव तुला राम की पुण्यतिथि पर हर साल 23 सितंबर को शहीदी दिवस के रूप में मनाती है
कैप्टन उमराव सिंह को द्वित्तीय विश्व युद्ध में उनके अदम्य साहस के लिए विक्टोरिया क्रास से नवाजा गया
1962 की जंग में रेजांगला सेक्टर में 114 अहीर जवानों ने चीन के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए अपनी शहादत दी थी जिस कारण से चीन को मुंह की खानी पड़ी थी इसलिए 18 नवंबर को हर साल शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है
1965 में हाजी पीर, 1967 में नाथुला और 1971 में जैसलमेर में हुए युद्धों में अहीरों ने कुर्बानियां दी। कारगिल युद्ध में 527 जवान शहीद हुए थे जिनमें से 95 अहीर थे

चंडीगढ़, 19 नवंबर: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने अहीर रेजिमेंट की मांग कर रहे लोगों पर भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा लाठीचार्ज करवाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह अनैतिक, अनुचित और बर्बरतापूर्ण कृत्य है, इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए। देश के लिए गर्व और फक्र की बात है कि अहीर समाज ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी की लड़ाई और पड़ोसी दुश्मन देशों से हुए युद्धों में अपनी शहादत दी है लेकिन भाजपा गठबंधन सरकार अहीर समाज की भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग को न मान कर उन सभी अहीर शहीदों की शहादतों का अपमान कर रही है। दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरूग्राम जिले अहीरवाल क्षेत्र में आते हैं जहां से प्रदेश के सबसे ज्यादा लोग आर्मी में भर्ती होते हैं।

राव तुला राम जो अंग्रेजों के खिलाफ 1847 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के प्रमुख नेताओं में से एक थे और इनेलो पार्टी राव तुला राम की पुण्यतिथि पर हर साल 23 सितंबर को शहीदी दिवस के रूप में मनाती है। वहीं कैप्टन उमराव सिंह को द्वित्तीय विश्व युद्ध में बर्मा फ्रंट पर लड़ी गई लड़ाई में उनके अदम्य साहस के लिए ‘विक्टोरिया क्रास’ से नवाजा गया था जो आज के सर्वोच्च सम्मान ‘परमवीर चक्र‘ के बराबर है। 1962 की जंग में रेजांगला सेक्टर में 114 अहीर जवानों ने चीन के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए अपनी शहादत दी थी जिस कारण से चीन को मुंह की खानी पड़ी थी इसलिए 18 नवंबर को हर साल शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। रेजांगला युद्ध में 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के आठ अहीर जवानों को मरणोपरांत ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया। आजाद हिंद फौज में अहीरों का बड़ा योगदान था। 1948 में पाकिस्तान समर्थित कबायलियों ने जब कश्मीर पर हमला किया तो 70 अहीरों ने 700 कबायलियों को मारकर भगाया था। 1965 में हाजी पीर, 1967 में नाथुला और 1971 में जैसलमेर में हुए युद्धों में अहीरों ने कुर्बानियां दी। कारगिल युद्ध में 527 जवान शहीद हुए थे जिनमें से 95 अहीर थे। पार्लियामेंट पर जब आतंकवादी हमला हुआ तो दिल्ली पुलिस की कमलेश यादव देश की पहली महिला थी जिन्हें सिविलियन के सर्वोच्च पुरस्कार ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया गया।

खेती से जुड़ी सभी जातियां जिसमें जाट, अहीर, राजपूत और गुज्जर आदि मार्शल कौम मानी जाती हैं। अभय सिंह चौटाला ने अहीर रेजिमेंट की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि जब भारतीय सेना में जाट, गोरखा और राजपूत जैसे मार्शल कौमों की रेजिमेंट बनाई जा सकती है तो अहीरों की वीरता के देखते हुए अहीर रेजिमेंट भी बनाई जानी चाहिए।

भाजपा के केंद्रीय मंत्री ने भी अहीर रेजिमेंट की मांग को समर्थन देते हुए केंद्र को पत्र भी लिख चुके हैं। 2014 में सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी अहीर क्षेत्र में ‘वन रैंक वन पेंशन’ की घोषणा की थी।

error: Content is protected !!