मामला नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडक़र प्रसारित करने का….उच्च न्यायालय ने आरोपी की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

17 नवम्बर तक जिला अदालत में जमानत याचिका करें दाखिल
जिला एवं सत्र न्यायालय जमानत याचिका पहले ही कर चुका है खारिज

गुडग़ांव, 1३ नवम्बर (अशोक): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में एक नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडक़र प्रसारित करने के मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में अदालत ने 2 आरोपियों की पूर्व में दी गई जमानत को खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट गत 28 अक्तूबर को जारी कर दिए थे।

एक आरोपी दीपक चौरसिया ने अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत से आग्रह किया था कि उसकी जमानत खारिज न की जाए और गैर जमानती वारंट निरस्त किए जाएं। पीडि़ता के अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा व इस मामले की पैरवी कर रही जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 10 नवम्बर को अदालत ने दीपक चौरसिया की याचिका को खारिज कर दिया है। यानि कि अदालत ने अपने पूर्व के आदेशों को बरकरार रखा है। अधिवक्ता व संस्था के अध्यक्ष का कहना है कि इसी दौरान आरोपी ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायालय के 28 अक्तूबर के आदेश को चुनौती देते हुए इसे खारिज करने का आग्रह किया था। उनका कहना है कि दोनों ही अदालतों को आरोपी ने गुमराह किया है। न तो आरोपी ने उच्च न्यायालय में यह स्पष्ट किया है कि उसने जिला एवं सत्र न्यायालय में भी इस आदेश को चुनौती दी हुई है और न ही जिला एवं सत्र न्यायालय में स्पष्ट किया कि उसने इस आदेश को उच्च न्यायालय में
चुनौती दी हुई है। दोनों ही अदालतों में 10 अक्तूबर को सुनवाई हुई।

अधिवक्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय ने आरोपी के आग्रह को न मानते हुए आदेश दिए हैं कि आगामी 17 नवम्बर तक वह निचली अदालत में पेश होकर अपनी जमानत याचिका दायर करे। इस दौरान उच्च न्यायालय ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक
भी लगा दी है। अधिवक्ता का कहना है कि आरोपी पहले भी इस तरह की कार्यशैली अपना चुका है। अब अदालत में मामला विचाराधीन है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर
संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई
वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडक़र अश£ील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व
सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।

इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है और अब
यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में चल रहा है।

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