अपने ही आदेशो को किसके दबाव में बदला मुख्यमंत्री हरियाणा ने – विधायक नीरज शर्मा

दिल्ली/चण्डीगढ/फरीदाबाद, 08 नवम्ंबर 2022 – विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि पंचकूला शहर में 08-09-2015 को अलांट किए गए आउटसटीज कोटा के 13 प्लांटो में की गई धंाधली और भष्टाचार का मामला विधानसभा सत्र में उठाया था। वर्ष 2016 में माननीय श्री ज्ञानचंद गुप्ता जी विधायक, मुख्य सचेतक (राज्यमंत्री) रहते हुए मुख्यमंत्री हरियाणा से दिनंाक 08-09-2015 को आउसटीज कोटा के अंतर्गत अलँाट किए गए 13 प्लाटों में बरती गई अनेक अनियमताओं एंव धोर धंाधली तथा भष्टाचार की जांच करने के लिए लिखा था, इसमें 129 लोगो के द्धारा आवेदन दाखिल किया गया, जिसमें 49 लोग योग्य पाए गए, और जब 2015 में ड्रा किया गया तो उसमें सिर्फ 13 लोगो को शामिल किया गया और 13 ही प्लाट थे।

इसपर माननीय श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए सभी फैक्ट के साथ इस मामले की सीबीआई जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को लिखा था, उसके बाद सरकार ने फाईल चलाई फिर 01 जून 2020 को मुख्यमंत्री ने आदेश कर दिया की यह केस सीबीआई में रेफर कर दिया जाए, 01 जून 2020 के मुख्यमंत्री के आदेशो को धूमा फिरा दिया गया। उसके बाद दुबारा फाईल इधर से उधर धूमती रही उसके बाद 01 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री ने पुनः आदेश कर दिए की इस मामलें को सीबीआई को दे दिया जाए। विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि लेकिन आज 2022 खत्म होने को है अभी तक जांच सीबीआई को नही दी गई।

विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि इस मामले को मेरे द्धारा विधानसभा सत्र में उठाया गया था उसके बाद पंचकुला थाने में एफआईआर नं0-0368 एंव 0369 दर्ज करवाई गई। लेकिन बडा दुख हुआ कि दिनंाक 21.10.22 को उपरोक्त मामले पर मुख्यमंत्री ने पुनविचार करते हुए मामले को सीबीआई में ना स्थानातांरित करके मामले को हरियाणा राज्य चौकसी ब्यौरो को देने के आदेश जारी कर दिए। विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि पता नही किसके दबाव में तो मुख्यमंत्री जी ने दुबारा इस फाईल पर पुनर्विचार किया और किस अधिकारी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने मामले की जांच सीबीआई को ना देकर हरियाणा राज्य चौकसी ब्यौरो को दे दी।

विधायक नीरज शर्मा ने बताया की इस पूर्ण मामले को लेकर उनके द्धारा माननीय प्रधान मंत्री जी, मुख्यमंत्री हरियाणा, अध्यक्ष हरियाणा विधानसभा को पत्र लिखकर इस मामले को सीबीआई को देने के लिए लिखा गया है विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि असली हकदारो को न्याय जब ही मिलेगा जब इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी।

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