हिसार। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए नोकरियों व शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को वैध ठहराकर सराहनीय व उचित फैसला दिया है। यह बात आज भाजपा नेता सुरेश गोयल धूपवाला ने एक बयान जारी कर कही। उन्होंने बयान में कहा कि स्वर्ण गरीबों को आरक्षण मिले इस बात पर तो असहमति की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए थी। न्यायालय के इस फैसले के बाद अब सामान्य वर्ग के कमजोर तबके को भी आरक्षण का लाभ मिलना जारी रह सकेगा। विदित रहे कि संसद के दोनों सदनों में 103वें संविधान संशोधन को पास करके जनवरी 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद ने इस पर अपनी मोहर लगा कर कानून का रूप दे दिया था।  

सुरेश गोयल धूपवाला ने कहा कि किसी भी सरकार का दायित्व है कि वह समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके उत्थान और बेहतरी के लिए नीतियों का निर्धारण करे। सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए गरीबो के हितों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था।

कोई भी देश तभी उन्नति कर सकता है, जब उसके नागरिकों को आगे बढऩे के लिए समान अवसर प्राप्त हो। जगजाहिर है कि स्वर्ण समाज में भी काफी बड़ा वर्ग पिछड़ा हुआ है औऱ समाज की मुख्यधारा से वंचित है। उन्होंने कहा कि आरक्षण व्यवस्था से उन्हें आगे बढऩे का अवसर प्राप्त होगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।