-डीजीपी विजिलेंस ने मुख्य सचिव हरियाणा को शिकायत पर कार्रवाई के लिए भेजी सिफारिश
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने लगाए थे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

भिवानी, 08 नवंबर। जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने वाली हरियाणा सरकार में अब भी भ्रष्टाचार के बड़े मगरमच्छ बड़े औहदों पर बैठकर किस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, इसकी एक बानगी भिवानी में सामने आई है। भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल के खिलाफ डीजीपी विजिलेंस ने हरियाणा के मुख्य सचिव को शिकायत पर कार्रवाई के लिए सिफारिश भेजी है। जिसमें डीजीपी विजिलेंस ने एडीसी राहुल नरवाल के खिलाफ  उचितकार्रवाई किए जाने की बात लिखी है। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी में एक निजी अस्पताल संचालक को 15 करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में गलत तरीके से अनुचित लाभ पहुंचा दिया था। जिसमें एडीसी राहुल नरवाल पर इस मामले के शिकायतकर्ता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और मामले की शिकायत गत आठ अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य सचिव हरियाणा सरकार, डीजीपी विजिलेंस सहित रोहतक मंडल के कमीशनर को की थी। इस शिकायत पर डीजीपी विजिलेंस ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव हरियाणा को शिकायत पर उचित कार्रवाई की सिफारिश भेजी है। 

शिकायतकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भिवानी के अतिरिक्त उपायुक्त एवं भिवानी के नगर आयुक्त राहुल नरवाल के खिलाफ सबूतों सहित डीजीपी विजिलेंस सहित पीएम व अन्य को शिकायत दी गई थी। इस मामले में डीजीपी विजिलेंस ने अब हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को एडीसी कम डीएमसी भिवानी राहुल नरवाल के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भेजी है। बृजपाल सिंह परमार का आरोप है कि भ्रष्टाचार में डूबे इस तरह के अधिकारियों से सरकार की छवि खराब हो रही है वहीं पीडि़त जनता को न्याय मिलने की उम्मीद भी धूमिल हो रही है। भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेबों को दोनों हाथों से भरने में जुटे हैं, जबकि जनता व्यवस्था और भ्रष्टाचार के बीच में पीस रही है। बृजपाल सिंह परमार ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव से भ्रष्टाचार के एडीसी राहुल नरवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई कराए जाने की भी मांग की है। 

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