प्रचार के अंतिम दिन पिता भूपेंद्र चौधरी के साथ देहात में मांगा जनसमर्थन

लगभग एक दर्जन गांवों में पर्ल चौधरी के समर्थन-स्वागत की होड़ लगी

पर्ल चौधरी बोली अपना वोट भ्रष्टाचार रहित ग्रामीण विकास के लिए देना

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम ।   जिला परिषद की चौधराहट प्राप्त करने के लिए सोमवार को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन , दिन ढलते-ढलते समीकरण भी सुबह-दोपहर और शाम के मिजाज की तरह बदलते हुए दिखाई दिए । सोमवार को पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी की पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पर्ल चौधरी को जिस प्रकार से अनुसूचित महिला वर्ग के लिए आरक्षित जिला परिषद प्रमुख के लिए महिला आरक्षित वार्ड नंबर 9 में समर्थन सहित ग्रामीणों विशेष रूप से महिलाओं के बीच उत्साह देखने के लिए मिला, उसे देखते हुए सत्ता पक्ष सहित अन्य प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में ग्रामीणों के द्वारा बताया गया । हालांकि इस बात का फैसला 9 नवंबर बुधवार को वार्ड नंबर 9 के मतदाताओं के द्वारा ही अपने अपने मताधिकार का प्रयोग कर किया जाएगा, जिसका परिणाम आगामी 24 नवंबर को सभी के सामने होगा ।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी के द्वारा अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित वार्ड नंबर 9 में करीब एक दर्जन गांवों का तूफानी दौरा किया गया। इस दौरान उनके पिता पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी सहित उनके पति परमेश रंजन विशेष रूप से मौजूद रहे । गौरतलब है कि पर्ल चौधरी उच्च शिक्षित महिला होने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट है , वही उनके पति परमेश रंजन भी बेहद काबिल और उच्च शिक्षित व्यक्ति होने के साथ-साथ राजनीति के अलावा अन्य विभागों में मजबूत पकड़ और पहचान रखने वाले व्यक्ति हैं ।

सोमवार को अपने चुनाव प्रचार के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी ने बेहद सरल भाषा और आसान शब्दों में अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान ग्रामीण दौरे पर विशेष रुप से पिछड़े – उपेक्षित, गरीब  वर्ग कहे जाने वाले तथा महिलाओं सहित युवा वर्ग जिनमें बेरोजगार युवक और युवतियां शामिल रहे, उन्हें समझाया वास्तव में पंचायती राज व्यवस्था की व्याख्या क्या है और पंचायती राज एक्ट किस प्रकार की ग्रामीण विकास के लिए छोटी से लेकर बड़ी हर प्रकार की सुविधा सहित गांव में रहने वाले 36 बिरादरी के ग्रामीणों के लिए अधिकार दिए गए हैं । उन्होंने विश्वास पूर्व कहा शायद ही किसी और उम्मीदवार के द्वारा इस प्रकार की जानकारी जोकि गांव के लोगों का गांव के विकास सहित ग्रामीणों के मूलभूत अधिकारों में भी शामिल है, नहीं बताया गया होगा ? उन्होंने समाज के पिछड़े और उपेक्षित गरीब कहे जाने वाले वर्ग का आह्वान किया की अनुसूचित वर्ग पिछड़ा वर्ग या अन्य कोई भी समाज का वर्ग सभी के पंचायती राज व्यवस्था और पंचायती राज एक्ट के तहत एक बराबर अधिकार दिए गए हैं , इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं है ।

लेकिन जो भी अन्य उम्मीदवार ग्रामीण दौरे पर जनसमर्थन के नाम पर वोट मांगने के लिए प्रलोभन वाले आश्वासन और बातें कर रहे हैं, ऐसे उम्मीदवारों का पंचायती राज व्यवस्था और एक्ट के तहत ग्रामीण विकास करवाने के साथ-साथ ग्रामीणों को उनके मूलभूत अधिकार उपलब्ध करवाने की तरफ ने तो ध्यान गया है और ना ही इस प्रकार की इच्छाशक्ति दिखाई दे रही है । जो भी उम्मीदवार या फिर उम्मीदवारों के राजनीतिक नेता समर्थक लोगों के बीच वोट मांग रहे हैं , वह केवल अपनी-अपनी पार्टी के बड़े नेताओं का नाम लेकर या फिर उनके नाम का सहारा लेकर भोले-भाले ग्रामीणों को बरगलाने का काम ही कर रहे हैं । उन्होंने कहा आपका एक वोट, वोट नहीं है यह सही मायने में आपको संविधान में दिया गया एक वह अधिकार है, जिस अधिकार को आप दूसरे को सौंपकर अपने अधिकार प्राप्त करते हैं । इसलिए अपना मतदान उच्च्च शिक्षित योग्य और बेदाग राजनीतिक पारिवारिक से संबंध रखने वाले मेरे जैसे उम्मीदवार के पक्ष में ही करने का आप लोगों को गंभीरता से चिंतन और मंथन करते हुए घर लौटने से पहले ही निर्णय कर लेना चाहिए । उन्होंने आश्वासन दिलाया वोट की जो भी ताकत आप लोगों के द्वारा दी जाएगी , उस ताकत को दोगुना करके किसी भी पार्टी की सरकार हो, उस पार्टी की सरकार और शासन-प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पंचायती राज एक्ट के तहत जो भी ग्रामीणों के अधिकार हैं , वह सभी अधिकार उपलब्ध करवाए जाएंगे । इसी मौके पर सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट पर्ल चौधरी ने कहां की उनकी प्राथमिकता गांव में प्राथमिक शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन और सुधार करने के साथ-साथ शिक्षा के सभी संसाधन उपलब्ध करवाना है । गांव में ही स्वास्थ्य केंद्र लगवाए जाएंगे, इतना ही नहीं अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांवों के साथ-साथ जिला परिषद के अंतर्गत आने वाले 150 से अधिक गांव मे संबंधित विभागों के सभी अधिकारियों को साथ लेकर खुले दरबार भी लगाए जाएंगे। जिसका लाभ ग्रामीणों को यह मिलेगा, ग्रामीणों की जो भी छोटी-मोटी समस्याएं या परेशानियां है उनका मौके पर ही समाधान किया जा सकेगा।

इस मौके पर पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी ने ग्रामीणों का आह्वान करते हुए कहा जिस प्रकार के गांव में विकास कार्य गठबंधन सरकार के कार्यकाल में किए गए हैं, वह सभी के सामने हैं । टूटी सड़कें , बदहाल गलियां, गंदे पानी के तालाब और जोहड़ , गांव से शहर तक सुविधाजनक परिवहन की व्यवस्था नहीं होना , जैसे अनेक काम है। उन्होंने भरोसा दिलाया उच्च शिक्षित हर प्रकार से योग्य सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट उम्मीदवार पर्ल चौधरी को अपना वोट देकर अपने अपने गांव का विकास, बच्चों का स्वास्थ्य और शिक्षा व अन्य सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए यह मौका अपने हाथ से बिल्कुल भी नहीं जाने दे । भूपेंद्र चौधरी ने याद दिलाया उनके कार्यकाल में उनके ऊपर 5 वर्ष के दौरान किसी भी प्रकार का कोई भी भ्रष्टाचार का आरोप लगना तो दूर रहा , इस मामले में किसी भी प्रकार की कहीं भी कैसी भी चर्चा तक नहीं की गई। उन्होंने कहा यदि किसी राजनेता या राजनीतिक परिवार से संबंधित व्यक्ति को अभिमान करना ही चाहिए , तो वह अभिमान अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति सहित बेदाग राजनीतिक जीवन पर ही करना चाहिए । उन्होंने सवाल किया किसी भी नेता के ऊपर आरोप लगते हैं , उसके पीछे कोई न कोई तो कारण या वजह अवश्य होती है । क्योंकि बिना आग के धुआं कभी भी नहीं निकलता या फैलता है । इसलिए आने वाली 9 तारीख बुधवार को योग्य और उच्च शिक्षित सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट पर्ल चौधरी के चुनाव चिन्ह पतंग के निशान पर बटन दबाकर अपने ग्रामीण विकास सहित बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य सुविधाओं के लिए नींव रखने का काम करें।

उन्होंने पूरा भरोसा दिलाया पर्ल चौधरी 36 बिरादरी के ग्रामीणों की कसौटी पर खरी उतरेगी और बिना किसी भेदभाव के भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के तहत पंचायती राज एक्ट के मुताबिक ग्रामीणों के विकास सहित सभी मूलभूत अधिकारों को उपलब्ध करवाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी । इससे पहले विभिन्न गांवों मे पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी और उनकी पुत्री सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट वार्ड नंबर 9 से चुनाव लड़ रही जिला परिषद प्रमुख पद के उम्मीदवार पर्ल चौधरी का फूल माला सहित पगड़ी पहना कर अभिनंदन करते हुए हर प्रकार से मतदान का समर्थन करने का आश्वासन दिया गया।

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