हरियाणा एवं पंजाब के राज्यपाल तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री के समक्ष लूर नृत्य कार्यक्रम आयोजित। कुरुक्षेत्र, 2 नवम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा रत्नावली के अवसर पर लूर नृत्य प्रस्तुत किया गया। लूर की लोकप्रियता को देखते हुए हरियाणा सरकार के कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा राजभवन में हरियाणा दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कुवि के लूर नृत्य ने धमाल किया। इस अवसर पर हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, पंजाब के महामहिम राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, लोकसभा सांसद रतनलाल कटारिया, मुख्य सचिव संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वेकांटेशन उमाशंकर, अमित अग्रवाल, सचिव राज्यपाल अमित द्विवेदी, उपायुक्त पंचकूला एवं निदेशक कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग महावीर कौशिक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह जानकारी विश्वविद्यालय प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से हर वर्ष हरियाणा के स्थापना दिवस के अवसर पर राजभवन में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है। इसी संध्या में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से तैयार किया गया लूर नृत्य राजभवन के मंच पर प्रस्तुत किया गया। इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से लूर नृत्य पहली बार रत्नावली के मंच पर प्रस्तुत किया गया और दूसरी बार राजभवन के मंच पर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि उसकी पूरी टीम द्वारा तैयार किए गए इस नृत्य की हरियाणा में शुरूआत हुई। इससे पूर्व खोडिय़ा, धमाल, घुम्मर, गुग्गा आदि नृत्य की हरियाणा में परंपरा रही है और अब इस कडी में लूर नृत्य भी जुड़ गया है। विभाग की टीम ने दादरी, हिसार, कोसली, रोहतक, नरवाना आदि क्षेत्रों में जाकर पहले लूर नृत्य की डॉक्यूमेंटेशन की तथा उसके पश्चात डीएवी पीजी कॉलेज करनाल ने 25 से अधिक छात्राओं की कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. महासिंह पूनिया के निर्देशन में लूर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की जिम्मेवारी प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी को सौंपी गई। इस कार्यशाला में छात्राओं को तैयार कर लूर नृत्य का प्रारूप निर्धारित कर उसको मंच पर प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय गत वर्ष लूर नृत्य का ब्रोशर भी जारी कर चुके हैं। रत्नावली के अवसर पर महामहिम राज्यपाल द्वारा लूर नृत्य के 15 लोकगीत भी जारी किए जा चुके हैं। राजभवन में लूर नृत्य की प्रस्तुति को मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों ने सराहा। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की पूरी टीम को लूर नृत्य हरियाणा को प्रदान करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का हरियाणवी संस्कृति के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इस कड़ी में लूर नृत्य भी शामिल हो गया है। कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने भी बधाई देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए यह गौरव के पल हैं। राजभवन में लूर नृत्य की प्रस्तुति के समय संस्कृति विभाग की कल्चरल सुपरवाईजर मैडम रेणू हुडा, दीपिका वालिया, हृदय कौशल, मैडम तानिया, हरविन्द्र राणा सहित अनेक गणमान्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने लूर नृत्य के लिए कुवि को दी बधाई।राजभवन में हरियाणा दिवस के अवसर पर आयोजित लूर नृत्य को जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने देखा तो वो कुवि के लूर नृत्य की प्रस्तुति को देखकर अभिभूत हो उठे। उन्होंने मंच से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की पूरी टीम को लूर नृत्य को बचाने के लिए और उसे मंच पर प्रस्तुत करने के लिए विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने लूर की डॉक्यूमेंटेशन कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी मुख्यमंत्री को रत्नावली के उद्घाटन अवसर पर लूर नृत्य की प्रस्तुति देखने की बात सांझा की। Post navigation कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रत्नावली कार्यक्रम में हरियाणवी स्टार गजेन्द्र फोगाट के गीतों पर खूब झूमे युवा देवताओं की दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिकेय की पूजा से शांत होते हैं क्रूर ग्रह : कौशिक।