कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रत्नावली कार्यक्रम में हरियाणवी स्टार गजेन्द्र फोगाट के गीतों पर खूब झूमे युवा

हमारे जख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहनें नहीं होगी तो राखी कौन बांधेगा।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 30 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में शनिवार को देर सायं सुप्रसिद्ध हरियाणवी गायक गजेन्द्र फोगाट ने अपने गीतों से युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया वहीं राष्ट्र व समाज हित में संदेश देकर युवाओं को जागरूक किया। हरियाणवी स्टार एवं पब्लिसिटी सेल के चेयरमैन गजेन्द्र फोगाट जैसे ही मंच पर आए हाल में उपस्थित दर्शकों ने तालियों की गडगडाहट के साथ स्वागत किया और कार्यक्रम की समाप्ति तक तालियों की गडगडाहट गूंजती रही। गजेन्द्र फोगाट ने बताया कि आज से 26 वर्ष पहले कुवि के इसी मंच पर उन्हें बेस्ट सिंगर व एक्टर का खिताब मिला था। उन्होंने युवाओं से कहा कि यह जीवन के अमूल्य क्षण होते हैं। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आशीर्वाद प्राप्त कर उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की।

गजेन्द्र फोगाट ने तेरे में जो गरूर न होता यो दिल चकनाचूर न होता एक दूजे ते क्यूकरं मिलते जै कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी का टूर न होता, एक बार जो बुला तू लेती तो मैं तुझसे दूर न होता का बोल बोला तो दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। युवा शक्ति को नमन करते हुए उन्होंने पूरी यूनिवर्सिटी व रत्नावली के लिए हाथ खड़े करवाके तालियां बजवाई।

फोगाट ने जिसके किस्से मैने याद दोस्तो एक सहेली रहैवे मेरी फरीदाबाद दोस्तो, नीयत की वो माडी दोस्तो, तीन साल बर्बाद कर गई मेरे दोस्तो, सुन रही है न तू, कि गा रहा हू मैं, एक हसीना थी एक दिवाना था क्या उमर क्या जमाना क्या फसाना था गाकर खूब वाह-वाह लूटी। इसके बाद उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगवाए। एक छोटी बच्ची ने लेके पहला-पहला प्यार भरके आंखों में खुमार, यह देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों इस देश का यारो क्या कहना पर खूब ठुमके लगाए जिसको सभी ने सराहा। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि हमारे जख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहने नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा।

गजेन्द्र फोगाट द्वारा गाए गीत तन्ने छोडूंगी भरतार मन्ने ना लोड इसे घरवाले की मन्ने कहवै बहु सब काले की, माई नी माई मुंडेर पर तेरी बोल रहा है कागा, उड्या रे कबूतर मेरे डूंगे पे बैठा, देसी देसी न बोला कर छोरी ने, दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है दुल्हन का तो दिल दिवाना लगता है, दिल चोरी साडा हो गया, इस देश की खातिर, देख के वीरों की कुर्बानी, मेरा रंग दे बंसती चोला, वंदे मातरम, वंदे मातरम, पर युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने करनी है तो रीस उस भगत सिंह सरदार की करो, ये देश है वीर जवानों का गीत के माध्यम से युवाओं को देशभक्ति की ओर प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने मैं भी वीजा लेके एक दिन पाक में जाउंगा, अर नवाज शरीफ की छोरी ब्याह के लाउंगा फिर दहेत में चाहे सोना चांदी किम्मे भी न दो पर एक बार पाकिस्तान में हमारा तिरंगा लहरा दो, के माध्यम से अपने मन की भावनाओं को व्यक्त करते हुए बताया कि किस तरह से वे अपने राष्ट्र व देश से प्रेम करते हैं और आतंकवाद को शह देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रति उनकी क्या भावनाएं हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया। इस अवसर पर उनके साथ कुवि के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. शुचिस्मिता, डीवाईसीए निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, यूनिवर्सिटी सांस्कृतिक परिषद् के अध्यक्ष डॉ. रामपाल सैनी, डॉ दीपक राय बब्बर, जर्मनी से आई शिखा कुमारी, डा. संजीव कुमारी, चौधरी बनवारी लाल, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. गुरचरण सिंह, सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे। मंच का संचालन डॉ. आबिद अली ने किया।
छोटी गुड़िया ने सभी को किया आकर्षित।

कुवि के ओडिटोरियम हॉल में रत्नावली समारोह के दूसरे दिन सांयकाल में आयोजित हरियाणवी स्टार गायक गजेन्द्र फोगाट के गानों पर तीन साल की छोटी गुड़िया ने डांस कर सभी को अपनी ओर आकर्षित कर मन मोह लिया। छोटी गुड़िया ने स्टेज पर जाकर गायक गजेन्द्र फोगाट के साथ ठुमके भी लगाए। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने प्यारी गुड़िया को आशीर्वाद दिया।

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