खुद बीजेपी और खट्टर ने लगाए बिश्नोई पर काली कमाई अर्जित करने के आरोप- जयप्रकाश
हार के डर से कुलदीप बिश्नोई ने अपने बेटे को किया आगे- जयप्रकाश
कुलदीप को जीत की उम्मीद होती तो वो खुद बनते बीजेपी उम्मीदवार- जयप्रकाश

27 अक्टूबर, हिसारः उपचुनाव के बाद कुलदीप बिश्नोई और उनका परिवार विदेश में जाकर सेटल हो जाएंगे और मैं आदमपुर की सेवा में हाजिर रहूंगा। यह कहना है कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी का। चुनाव प्रचार में जुटे जयप्रकाश ने कहा कि कुछ महीने पहले तक खुद बीजेपी के नेता और मुख्यमंत्री खट्टर कुलदीप बिश्नोई पर बेनामी संपत्ति और काली कमाई रखने का आरोप लगाते थे। जनसभा और सार्वजनिक मंचों से बीजेपी नेताओं और मीडिया ने बताया कि कुलदीप अपनी काली कमाई को समेटकर विदेश भागने की फिराक में थे। इसलिए तमाम जांच एजेंसियों ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की। जैसे ही उनपर जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा तो कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी के कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए।

उसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने जब एक जुझारू दलित नेता चौ. उदयभान को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया तो कुलदीप बिश्नोई अपना आपा खो बैठे और वह अपनी दलित विरोधी मानसिकता को नहीं छिपा सके। इसलिए उन्होंने कांग्रेस और आदमपुर की जनता के साथ गद्दारी की और बीजेपी में शामिल हो गए।

अब कुलदीप बिश्नोई आदमपुर की जनता को बताएं कि बीजेपी नेताओं और खुद मुख्यमंत्री ने उनके ऊपर काली कमाई रखने के जो आरोप लगाए थे, वह सच हैं या झूठ? क्या वह अपनी संपत्ति को समेटकर विदेश भागने की फिराक में थे? बीजेपी बताए कि कुलदीप बिश्नोई के ठिकानों पर एजेंसियों ने छापेमारी क्यों की थी? मनोहर लाल खट्टर ने कुलदीप बिश्नोई के ऊपर संगीन आरोप क्यों लगाए थे? आज दोनों एक दूसरे के कसीदे पढ़ रहे हैं, दोनों के बीच में क्या डील हुई है?

जयप्रकाश आज कई गांव में वोट मांगने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिश्नोई परिवार सिर्फ चुनाव लड़ने की औपचारिकता निभा रहा है। जबकि उसे भी बखूबी पता है कि वो चुनाव हार रहा है। अगर कुलदीप आदमपुर में जीत को लेकर आश्वस्त होते तो वो खुद बीजेपी के उम्मीदवार बनते। लेकिन कुलदीप को पता है कि 2019 लोकसभा चुनाव की तरह इसबार भी आदमपुर से उनकी हार तय है इसलिए उन्होंने अपने बेटे को चुनाव लड़ने के लिए आगे किया।

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