श्यामा आन बसों वृन्दावन में
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में…..
कभी राम बनके, कभी श्याम बनके,
चले आना, प्रभुजी चले आना

हिसार- वानप्रस्थ संस्था ने सीनियर सिटीजन क्लब में अत्यंत हर्षोल्लास से दीवाली पर्व पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। डा डाँग ने मंच संचालन करते हुए सभागार में उपस्थित वरिष्ठ सुधिजन का अभिनंदन करते हुए सब के लिए शांति, सम्पति, सफलता, स्वास्थ्य एवम वैभव की कामना की।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोचरण एवम गणेश वन्दना से किया गया। ढोलक,मंजीरे व तालियों के साथ भक्ति भाव से वातावरण को सराबोर करते हुए मन को छूने वाले भजनों से भक्तिभाव की लहर चली।

राम अर लछमण दशरथ के बेटे दोनों बण-खंड जाएँ … हे जी कोई राम मिले भगवान…..
‘ श्यामा आन बसों वृन्दावन में, मेरी उमर बीत गयी गोकुल में,
‘ कभी राम बनके कभी शाम बन के आना, प्रभु जी चले आना ,

जैसे भजनों को अपना स्वर देकर राजरानी मल्हान , डॉ सत्य सावंत, संतोष डांग, डॉ सुदेश गांधी, वीना अग्रवाल,कमला सैनी, डॉ नीलम यादव, डॉ दवीना ठकराल, इंदु गहलावत,डा : सुनीता सुनेजा, डा सुनीता जैन एवम गीता राणा ने ख़ूब समां बाँधा।

डॉ एस के महेश्वरी ने प्रेम मुदित मन से कहो राम राम गाकर मन में शान्ति रस का आविर्भाव करवा दिया।
श्री योगेश सुनेजा ने “दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया , राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया” अपनी मधुर वाणी में पेश किया।
श्री एस पी चौधरी ने मनभावन भजन
” दिवाली दीपों का त्यौंहार,
घर आंगन में करें रोशनी दूर करें अंधियार, दीप से दीप जलाएं… प्रस्तुत किया और राम धुन में सभी को सहभागी बनाकर ख़ूब तालियां बटोरी।

डॉ दवीना ठकराल ने अपने वक्तव्य में दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए सार्थक सुरक्षित व प्रदूषण रहित दिवाली मनाने का
आवहाँन करते हुए कहा कि ईर्ष्या द्वेष हटाकर नव पवित्र सद् विचारों को धारण करके घर में सात्विक व्यंजन बनाकर , पर्यावरण को बचाकर एवम भारतीय संस्कृति को संजोकर हम दीपावली का त्योहार मनाएँ । डॉ सत्या सावंत ने मधुराष्टकं में श्रीकृष्ण के बालरूप को मधुरता से माधुरतम रूप का वर्णन कुछ इस प्रकार किया
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं ।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥

राजरानी मल्हान ने रावण और मंदोदरी का संवाद गीतात्मक स्वर में पिरोकर प्रस्तुत किया
“ओ रे पिया मानो हमारी बात , सिया ने लेके राम को मिलो…….
प्रधान श्री सुदामा अग्रवाल ने श्रीराम द्वारा प्रतिपादित आदर्शों व जीवन के मूल्यों को अपनाकर दीपावली के त्योहार को सार्थकता प्रदान करने के लिए अपने विचार प्रस्तुत किए ।

कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाते हुए सभी ने महालक्ष्मी की आरती बड़े उमंग, उत्साह व भाव से की और सदस्यों द्वारा घर में ही निर्मित प्रसाद का आनन्द लिया।

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