महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
आदिकाल से चली आ रही मान्यताओं को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा: मुख्यमंत्री
महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना कर मानव जाति के कल्याण हेतु धर्म का मार्ग प्रशस्त किया

चंडीगढ़ 6 अक्टूबर –  महर्षि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर 7 अक्तूबर को गोहाना के चौधरी देवी लाल स्टेडियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। महर्षि वाल्मीकि की जयंती कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।      

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश में समय-समय पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लेकर मानव जाति का मार्गदर्शन किया है। आदि कवि महर्षि वाल्मीकि भी ऐसे ही महापुरुष थे, जिनके सिद्धांत आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने पवित्र रामायण की रचना कर पूरी मानव जाति के कल्याण हेतु धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि संत-महात्माओं की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं।            

आज समाज को महापुरुषों की शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए। मनुष्य कभी ऐसे चौराहे पर खड़ा हो जाता है, जहां से जीवन की दिशा नहीं मिलती। लेकिन पग-पग पर आने वाली बाधाओं का हल महापुरुषों के जीवन से मिल जाता है। उन्होंने कहा कि हमें आदिकाल से चली आ रही मान्यताओं को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।      

महर्षि वाल्मीकि सनातन धर्म के प्रमुख ऋषियों में से एक है और हिंदू धर्म का प्रमुख महाकाव्य रामायण की रचना इनके द्वारा ही की गयी थी। उनका जन्म हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार आश्विन महीने की पूर्णिमा को हुआ था। हर साल आश्विन महीने की पूर्णिमा के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी अवसर पर सोनीपत के गोहाना में यह कार्यक्रम 7 अक्टूबर को आयोजित किया जा रहा है।      

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने संत महापुरुषों के विचारों का प्रचार-प्रसार करने के लिए संत-महापुरुष विचार प्रसार योजना शुरू की है। इसका मकसद है कि संतों के विचार नई पीढ़ियों को मिले। इसके माध्यम से संतो के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है है। सरकार द्वारा संत कबीरदास, गुरु रविदास, श्री गुरु नानक देव जी और श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे संतों एवं महापुरुषों की जयंतियों को राज्य स्तर पर मनाया जा रहा है।

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