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जंगल सफारी के लिए गुरुग्राम में 6000 एकड़ और नूंह में 4000 एकड़ जमीन चिन्हित की गई

चंडीगढ़, 6 अक्टूबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम और नूंह में अरावली पर्वत श्रृंखला में 10,000 एकड़ क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए गुरुग्राम में 6000 एकड़ और नूंह में 4000 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यह परियोजना दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना होगी।

मुख्यमंत्री ने आज यहां पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है, जिसका क्षेत्रफल करीब दो हजार एकड है। इस जंगल सफारी पार्क में 10 ज़ोन होंगे, जिसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी/बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स/विजिटर/टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन/बायोमेस, इक्वाटोरियल/ट्रॉपिकल/कोस्टल/डेजर्ट इत्यादि होंगे।

इसी संबंध में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शारजाह जंगल सफारी का दौरा करने गए थे।

इस जंगल सफारी योजना के विकसित होने से न केवल राज्य में पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर भी प्रदान होंगे।

उन्होंने कहा कि इस सफारी पार्क में सुविधाओं के डिजाइन व संचालन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाली कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वहीं एक अरावली फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी जो परियोजना का प्रबंधन करेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इसके लिए क्षेत्र का मूल्यांकन अध्ययन किया और इस तरह के पार्क की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहां इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से यहां काफी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आएंगे जिससे स्थानीय लोगों के लिए बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आसपास के गांवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत लाभ होगा।

अरावली पर्वत श्रृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों , तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ वर्षो पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत श्रृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स अर्थात जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां तथा तितलियों की 57 प्रजातियां विद्यमान हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव श्री एम डी सिन्हा और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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